भोपाल। मध्यप्रदेश में आम नागरिकों पर टैक्स बढ़ाने वाले फैसले फटाफट हो जाते हैं लेकिन रिस्पांसिबिलिटी के सब्जेक्ट पर वर्षों तक गवर्मेंट के सेमिनार आयोजित होते रहते हैं। सरकार ने बिजली के दाम बढ़ा दिए परंतु डिमांड के हिसाब से प्रोडक्शन प्लान नहीं किया। अभी तो गर्मी बाकी है और कोयले के भंडार खत्म हो गए हैं। लोगों को भीषण गर्मी में महंगी बिजली भी नहीं मिल पाएगी।
मध्य प्रदेश सरकार के मिसमैनेजमेंट के कारण कोयले के भंडार खत्म हो गए हैं। बिजली उत्पादन के लिए कोयला नहीं है। कोयले की कमी के चलते इलेक्ट्रिसिटी का प्रोडक्शन कम होता जा रहा है। बिजली कंपनियां गर्मी के मौसम में डिमांड पूरी करने की स्थिति में नहीं है। दिल्ली तक हल्ला मचा हुआ है। केंद्र सरकार से कोयला मांगा जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार को हिला देने के लिए तैयार नहीं है।
केंद्र सरकार बनाने के लिए कोयले की कमी की जानकारी मीडिया में लीक कर दी गई है। पब्लिक पैनिक हो जाएगी तो सरकार पर प्रेशर क्रिएट होगा, लेकिन इस सारे प्रोसीजर में कई दिन निकल जाएंगे। बड़े शहरों में मेंटेनेंस के नाम पर और ग्रामीण इलाकों में बिना किसी सूचना के इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कट कर दी जाएगी। कुल मिलाकर आने वाले कुछ दिनों में पब्लिक चिलचिलाती गर्मी में पसीने में नहीं नहाएगी। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.