शिवराज सर, लगे हाथ कसीनो और डांस बार के भी लाइसेंस करवा दीजिए क्योंकि लोग तो जुगाड़ बना ही लेते हैं- Khula khat

शिवराज सिंह चौहान सर
, कल आपने कहा कि मध्यप्रदेश में शराबबंदी नहीं होगी क्योंकि पीने वाले तो जुगाड़ बना ही लेते हैं। आप मध्य प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। आपके पास विचार-विमर्श के लिए कैबिनेट है। बड़े-बड़े अफसरों की टीम है। आपने कहा है तो सही होगा। यदि सही है तो फिर मध्यप्रदेश में कसीनो और डांस बार के लाइसेंस भी करवा दीजिए, क्योंकि खेलने वाले और देखने वाले तो जुगाड़ बना ही लेते हैं। 

पुलिस के रिकॉर्ड बताते हैं कि शराब के नशे में एक आम नागरिक अपराध की तरफ आकर्षित हो जाता है। पुलिस के रिकॉर्ड यह भी बताते हैं कि शराब के लिए यदि पैसा नहीं होता तो शराबी व्यक्ति लूटपाट और मारपीट करता है। पुलिस के रिकॉर्ड में यह भी दर्ज है कि कुछ आवारा किस्म के लोग सिर्फ इसीलिए लूटपाट करते हैं ताकि उन्हें शराब पीने का पैसा मिल जाए। डॉक्टर कहते हैं कि शराब पीने से उत्तेजना बढ़ती है। एक निर्धारित मात्रा से अधिक शराब पीने वाला व्यक्ति सामाजिक मर्यादा तोड़ देता है। वैसे यह सब जानते हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री बनने के बाद आप ने ऐलान किया था कि एक भी नई शराब की दुकान नहीं खुलेगी, धीरे-धीरे शराब बंद कर दूंगा। 

अब आप कह रहे हैं कि, पीने वाले तो जुगाड़ बना ही लेते हैं। सही बात है, एक मंत्री ने बताया है कि गुजरात और महाराष्ट्र के लोग मध्य प्रदेश के तस्करों की मदद से कैसे जुगाड़ बना रहे हैं। मैं तो आपको सिर्फ इतना याद दिलाना चाहता हूं कि जुआ खेलने वाले लोग भी जुगाड़ बना ही लेते हैं। पूरे प्रदेश में हर रोज जुआ पकड़ा जाता है। यदि आप इसकी लाइसेंसिंग करवा देंगे, तो सरकार को बहुत फायदा होगा। कसीनो से पैसा आएगा। क्रिकेट के सट्टे से पैसा आएगा। और भी बहुत सारे रास्तों से पैसा आएगा। 

सरकार यदि अपने डांस बार संचालित करें तो बहुत पैसा आएगा। कई लोगों को रोजगार मिलेगा। शराब की बिक्री बढ़ेगी। टिकट और टैक्स का पैसा तो आएगा ही। नशे की हालत में लोग जो नोट उड़ाएंगे वह भी तो सरकारी खजाने में जमा होगा। चारों तरफ पैसा ही पैसा होगा। आपके सिद्धांत के अनुसार इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि लोग तो जुगाड़ बना ही लेते हैं। भोपाल इंदौर के कई फार्म हाउस पर ऐसा डांस होता रहता है, आपको तो पता ही है।  धन्यवाद, सतेंद्र उपाध्याय पत्रकार शिवपुरी मध्य प्रदेश

अस्वीकरण: खुला-खत एक ओपन प्लेटफार्म है। यहां मध्य प्रदेश के सभी जागरूक नागरिक सरकारी नीतियों की समीक्षा करते हैं। सुझाव देते हैं एवं समस्याओं की जानकारी देते हैं। पत्र लेखक के विचार उसके निजी होते हैं। इससे पूर्व प्रकाशित हुए खुले खत पढ़ने के लिए कृपया Khula Khat पर क्लिक करें. यदि आपके पास भी है कुछ ऐसा जो मध्य प्रदेश के हित में हो, तो कृपया लिख भेजिए हमारा ई-पता है:- editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!