पुलिस कांस्टेबल डंडे का प्रयोग कब कर सकते हैं, पढ़िए MP Police Regulation

Bhopal Samachar
पुलिस का सिपाही हमेशा हाथ में डंडा लेकर घूमता रहता है। मंदिर की लाइन हो या उचित मूल्य की दुकान के बाहर भीड़, या फिर मंडी में अपनी कृषि उपज बेचने की कोशिश करते किसान। पुलिस के डंडे कभी भी पड़ जाते हैं। कई बार ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों को भी डंडों से पीटा जाता है। सवाल यह है कि क्या एक पुलिस आरक्षक अपनी मर्जी के हिसाब से कभी भी और किसी भी व्यक्ति में डंडा मार सकता है या फिर इसके लिए कोई नियम भी बने हैं। आइए जानते हैं:-

मध्यप्रदेश पुलिस रेगुलेशन भाग-6 के विनियम क्रमांक 111 की परिभाषा:-

प्रत्येक सिपाही को डंडे के प्रयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए एवं डंडे का प्रयोग केवल निम्न दशा में ही किया जाना चाहिए-
1. उन व्यक्तियों को रोकने के लिए जो गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं या गिरफ्तारी से भागने का प्रयास कर रहे हैं।
2. अवैध समुदाय (बिना अनुमति के एकत्रित हुई भीड़) को तितर-बितर करने के लिए।
3.किसी को बचाने के लिए या अवैध बलात्संग को रोकने के लिए।

नोट:- नियम क्रमांक 113 के अनुसार जब डंडे का उपयोग अपेक्षित न हो तब डंडे को हाथ में ना रखें। उसे कमर में खुरस लेना चाहिए। यातायात व्यवस्था में तैनात सिपाही को किसी भी प्रकार की उत्तेजना (उकसाहट) के लिए डंडे का उपयोग नहीं करना चाहिए।

अर्थात यातायात के सिपाही एवं बिना उपर्युक्त नियम क्रमांक 111 को छोड़ कर पुलिस सिपाही डंडे का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। अगर करते हैं तब उपर्युक्त नियमों का उल्लंघन मना जाएगा लेकिन यदि उसके वरिष्ठ अधिकारी ने ऐसा करने के लिए उसे आदेशित किया है तो फिर वह जिम्मेदार नहीं माना जाएगा बल्कि उसको आदेश देने वाला अधिकारी जिम्मेदार माना जाएगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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