कोरोनावायरस की तीसरी लहर में संक्रमित नागरिकों की मृत्यु दर काफी कम थी लेकिन इस अवधि में भारत के एक बहुत बड़े हिस्से में असामान्य मृत्यु की घटनाएं हुई। 50 वर्ष से कम आयु के युवाओं की अचानक मृत्यु हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक आया था। पहले ही अटैक में मृत्यु हो गई, जबकि कुछ देर पहले तक वह स्वास्थ्य थे। अंतिम समय में उन्होंने हल्का दर्द महसूस किया था या फिर थोड़े असहज हुए थे।
हार्ट अटैक आने से पहले क्या होता है
चिंता की बात है, इस उम्र में जबकि व्यक्ति सबसे अधिक जिम्मेदारियां निभा रहा होता है। उसकी मृत्यु, पूरे परिवार को प्रभावित करती है। कई बार पूरी कंपनी और कई कर्मचारियों को भी प्रभावित करती है। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि कैसे पता करें कि शरीर के अंदर कुछ गड़बड़ हो रही है। हार्ट अटैक आ सकता है। इन्हीं सवालों का जवाब कुछ डॉक्टरों ने दिए हैं। पूरी तरह से कन्फर्म तो नहीं लेकिन कुछ मेडिकल टेस्ट काफी हद तक यह बता देते हैं कि आपको हर्ट अटैक का खतरा है या नहीं।
हार्ट अटैक से बचने के उपाय, हार्ट अटैक की उम्र
HsCRP- यदि लेवल बढ़ रहा है तो हार्ट में मायो कार्डियल इंफ्राऑक्शन, आर्टरी डिजीज, कार्डियक अरेस्ट या स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है।
LDH- इसका लेवल बढ़ जाने का मतलब है हृदय में कोई दिक्कत है। कुछ डैमेज हुआ है।
CK-MB- इसे हार्टअटैक का मार्कर कहते हैं। इसका लेवल बढ़ जाने का मतलब होता है। तुरंत या फिर 24 घंटे के भीतर हार्ट अटैक आने वाला है।
लिपिड प्रोफाइल- ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बताता है। इसकी रिपोर्ट देखकर डॉक्टर बता सकता है कि आने वाले 6 महीने में आपका दिल क्या साजिश करने वाला है।
Troponin-I- यह एक प्रोटीन है जो ब्लड में नहीं होना चाहिए। हमेशा मसल्स में रहता है। यदि ब्लड में पाया गया तो खतरा है।
ECO- ऊपर वाली रिपोर्ट यदि गड़बड़ आई है तो इको टेस्ट कराना अनिवार्य हो जाता है। इस का शुल्क ₹1000 के आसपास होता है। मेडिकल विशेषज्ञ कहते हैं कि 35 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को साल में एक बार ही को टेस्ट कराना चाहिए। स्वास्थ्य से संबंधित समाचार एवं जानकारियों के लिए कृपया Health Update पर क्लिक करें.