भोपाल। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नियाज खान ने अपनी सफाई में अमर उजाला में प्रकाशित हुआ अपना एक इंटरव्यू पोस्ट किया है। इस इंटरव्यू में नियाज खान आतंकवाद के लिए मुस्लिम कम्युनिटी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इससे पहले गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने नियाज खान को कारण बताओ नोटिस जारी करने की जानकारी दी थी।
IAS नियाज खान के बयान, जिन पर भाजपा को आपत्ति है
- द कश्मीर फाइल्स फिल्म बनाने वाले को मुस्लिम्स की सामूहिक हत्याओं पर भी फिल्म बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े नहीं है, इंसान हैं।
- मुसलमानों के नरसंहार पर एक किताब लिखने की सोच रहा हूं। ताकि द कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म का निर्माण किया जा सके। अल्पसंख्यकों का दर्द और पीड़ा भारतीयों के सामने लाई जा सके।
- द कश्मीर फाइल्स फिल्म की कमाई 150 करोड़ से ज्यादा हो गई है। फिल्म मेकर को चाहिए कि वह कश्मीरी ब्राह्मणों के कल्याण में इस पैसे का खर्चा करें।
- ओवैसी जी चुप क्यों हो, कृपया मानवीय मुद्दों पर भी बोलिए।
- द कश्मीर फाइल्स के संदर्भ में बॉलीवुड एक्टर आमिर खान के बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि मेरी पठान कम्युनिटी के बॉलीवुड सुपरस्टार केवल स्क्रीन पर हीरो हैं। उन्होंने जनता से फिल्म देखने के लिए कहा लेकिन विवेक अग्निहोत्री से जनहित में पैसा खर्च करने को नहीं कहा। शायद वह अपने करियर को लेकर डरे हुए हैं।
नियाज खान- प्रशासनिक अधिकारी, सेलिब्रिटी या पॉलीटिकल लीडर
द फियर फाइल्स के मामले में नियाज खान ने जिस तरह के स्टैंड लिए हैं। स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि वह एक प्रशासनिक अधिकारी हैं, कोई सेलिब्रिटी हैं या फिर अपने लिए एक पॉलिटिकल ग्राउंड तैयार कर रहे हैं। भारत में इससे पहले भी कई प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पॉलिटिकल ग्राउंड तैयार किए हैं। विवेक अग्निहोत्री से लेकर आमिर खान तक किसी ने नियाज खान को एड्रेस नहीं किया परंतु नियाज खान, किसी नेता की तरह अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। यहां याद रखना होगा कि अभिव्यक्ति की जितनी स्वतंत्रता भारत के आम नागरिकों को प्राप्त है, प्रशासनिक अधिकारियों और शासकीय कर्मचारियों को नहीं है। उनके व्यवहार के लिए कानून बने हैं। उन्हें एक निर्धारित मर्यादा में रहना होता है। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें।