ग्वालियर। सन 2017 से ग्वालियर का रियल स्टेट मार्केट जैसे एकदम बदल सा गया था। लोग स्वतंत्रा आवास का मौका छोड़कर बड़ी संख्या में फ्लैट खरीद रहे थे, लेकिन अब फिर से शहर का माहौल बदला है। एक बार फिर ग्वालियर में स्वतंत्र आवास की डिमांड बढ़ने लगी है। 2020 में शहर में स्वतंत्र आवास के मात्र 8 प्रोजेक्ट चल। 2021 में इनकी संख्या बढ़कर 146 हो गई है।
ग्वालियर शहर की प्राइम रेजिडेंशियल लोकेशन- सिटी सेंटर
सिटी सेंटर में तेजी से डेवलपमेंट हो रहा है। यह शहर की सबसे प्राइम रेजिडेंसी लोकेशन बन गई है। ग्वालियर में 51 प्रोजेक्ट संचालित हैं, इनकी 60 फीसद संपत्तियों का विक्रय भी हो चुका है। सबसे ज्यादा विक्रय शहर के पाश इलाके सिटी सेंटर में हुआ है। यहां बन रहीं टाउनशिप में 80 फीसद से अधिक फ्लैट की बुकिंग हो चुकी है। निवास के लिहाज से लोग सिटी सेंटर को ही सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
ग्वालियर शहर में कहां किस तरह का डेवलपमेंट हो रहा है, यहां पढ़िए
इस तरह से खरीद रहे लोग प्रोपर्टीः
-शहर के जिन लोगों को घर की जरूरत है। वे रहने के हिसाब से संपत्ति खरीदना चाहते हैं। लोग सिटी सेंटर पर प्लाट, मकान, डुप्लेक्स व फ्लैट खरीदना पसंद कर रहे हैं। सिटी सेंटर में शासकीय कार्यालय भी पहुंच चुके हैं। कर्मचारी भी इसी ओर घर खरीदना पसंद कर रहे हैं।
-शिवपुरी लिंक रोड पर डबरा, भितरवार, दतिया में निवास करने वाले लोगों की बसाहट हो रही है, क्योंकि इस ओर से आने पर उनका घर नजदीक पड़ता है। शिवपुरी लिंक रोड पर टाउनशिप विकसित होने की गति धीमि है, लेकिन इस ओर स्कूल व ओटोमोबाइल सेक्टर की बढ़ोतरी हो रही है।
-झांसी-दिल्ली बाइपास के पास सबसे ज्यादा कालोनियां विकसित हो रही हैं। बड़ागांव, खुरैरी सहित महाराजपुरा के आसपास नई टाउनशिप विकसित हो रही हैं। इस टाउनशिप में सेना से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी, भिंड से आने वाले लोगों की बसाहट हो रही है।
-पुरानी छावनी के आसपास भी तेजी से विकास हुआ है। महु जमाहर तक प्लाट कट चुके हैं। शर्मा फार्म हाउस के पास सिटी बस का बस स्टैंड जा रहा है। इस ओर मुरैना के रहवासी मकान व प्लाट खरीदना पसंद कर रहे हैं।ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.