भारत का 1 शहर जहां इंसानों के चश्मे छीन लिए जाते हैं, फिरौती देने पर वापस मिलते हैं- GK in Hindi

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भारत विविधताओं से भरी हुई संस्कृति का प्राचीन देश है। यहां की परंपराओं और धार्मिक उत्सवों के पीछे वैज्ञानिक कारण होते हैं। 600 से अधिक शहर हैं और हर शहर की अपनी एक विशेषता है। एक शहर ऐसा भी है जहां बंदरों की संख्या सामान्य से ज्यादा है और वह इंसानों के चश्मे किडनैप कर लेते हैं। फिरौती में खाने पीने की चीजें वसूल करते हैं। यह सब कुछ आप खुली आंखों से देख सकते हैं, क्योंकि यह इतिहास नहीं वर्तमान है:- 

वृंदावन के बंदर- चश्मे वाले पर्यटकों को टारगेट करते हैं

उत्तर प्रदेश का एक शहर है वृंदावन, जहां भगवान श्री कृष्ण का बचपन बीता। बंदरों का रिश्ता हनुमान जी से है, इस कारण प्रभु श्रीराम से भी है परंतु श्री कृष्ण के वृंदावन में भी बंदरों की बहुत बड़ी आबादी पाई जाती है। खास तौर पर श्री बांके बिहारी के मंदिर और निधि वन के आसपास। क्योंकि वृंदावन राधा कृष्ण की लीलाओं का शहर है। इसलिए पूरी दुनिया से पर्यटक इस शहर में आते हैं। यहां के उत्पाती बंदर लगभग हर उस पर्यटक को अपना निशाना बना लेते हैं, जिसने चश्मा पहना होता है। 

वृंदावन के बंदर- इतने उत्पाती क्यों हो गए

यह सब कुछ कब से शुरू हुआ, कोई तारीख रिकॉर्ड में नहीं है लेकिन स्थानीय लोग बताते हैं कि पिछले 15 सालों में बंदरों की आबादी बहुत बढ़ गई है। बंदरों को खाने के लिए श्री बांके बिहारी मंदिर में चढ़ाया गया प्रसाद हमेशा दिया जाता था परंतु आबादी बढ़ जाने के कारण बंदर, भूख से तड़पने लगे। वह स्थानीय लोगों के घरों में घुसकर खाने का सामान चुराने लगे। लोगों ने उनसे बचने के लिए खिड़कियों में जालियां लगवा ली। वन विभाग एवं प्रशासन ने बंदरों के भोजन के लिए कोई इंतजाम नहीं किया। नतीजा भूख से तड़पते बंदर अपराधी बन गए। 

वृंदावन के बंदर- फिरौती में खाना मिलते ही, चश्मा वापस कर देते हैं

बंदर का स्वभाव होता है, वह कई तरह के प्रयोग करके अपने लक्ष्य तक पहुंचने का प्रयास करता है। वृंदावन में आने वाले पर्यटकों में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की होती है जो मूल्यवान चश्मा लगाए होते हैं। बंदरों ने इसी का फायदा उठाया। वह आपका चश्मा छीन कर ले जाते हैं, फिर आपके आसपास चलते हैं और आपका चश्मा तोड़ने का ड्रामा करते हैं। यदि आप तत्काल उन्हें कुछ खाने के लिए दे देते हैं, तो वह आपका चश्मा छोड़ कर चले जाते हैं। यदि नहीं देते तो आपका चश्मा तोड़ दिया जाता है। कभी-कभी एक बंदर फिरौती में खाना लेने के बाद आपका चश्मा वापस नहीं करता बल्कि दूसरे बंदर को दे देता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article 
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