भूमि के नामान्तरण में कितना समय लगता है, क्या होती है सम्पूर्ण प्रक्रिया, जानिए- MP Land Revenue Code,1959

Bhopal Samachar
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कब किसी व्यक्ति को अपनी भूमि पर अधिकार प्राप्त करना होता है या अपने पूर्वज की वसियत में अपना नाम दर्ज करवाना होता है तब कोई भी हितबद्ध व्यक्ति मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 109 के अंतर्गत अधिकार प्राप्ति के लिए पटवारी, नगर सर्वेक्षक, या तहसीलदार को आवेदन करेगा। उक्त अधिकारी अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे एवं रिपोर्ट को रजिस्टर में दर्ज करेगा। इसके बाद तहसीलदार नामान्तरण के संबंध में क्या कार्यवाही करेगा जानिए।

मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता, 1959 की धारा 110 की परिभाषा:-

• पटवारी या नगर सर्वेक्षक अधिकार से सम्बंधित सभी प्राप्त रिपोर्ट, प्रारूप सहित सभी सूचनाएं प्राप्त होने के बाद तहसीलदार पंद्रह दिनों के भीतर सभी रिपोर्ट की अपने न्यायालय में पंजीकृत करेगा, हितबद्ध व्यक्ति एवं अन्य पक्षकार को नोटिस जारी करेगा, अपने कार्यालय में सूचना पटल पर प्रस्तावित से संबंधित नोटिस लगाएगा एवं ग्राम पंचायत या सेक्टर की भी सूचित करेगा।

• तहसीलदार हितबद्ध व्यक्ति की सुनवाई के बाद या कोई ओर जांच के बाद नामान्तरण संबंधित आदेश को तीस दिनों के अन्दर प्रविष्ट करेगा अगर कोई विवादित मामले हैं तब तहसीलदार पाँच माह में उपर्युक्त कार्यवाही करेगा।

• उपर्युक्त कार्यवाही पूर्ण होने के बाद तहसीलदार आदेश एवं भू दस्तावेजो की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को तीस दिन के भीतर निःशुल्क प्रदान करेगा एवं इसके बाद मामले को बंद कर देगा।

• अगर उपर्युक्त कालावधि के बाद कार्यवाही पूरी नहीं होती है तब तहसीलदार ऐसा कार्यवाही पूर्ण नहीं होने का कारण सहित अभिलिखित करेगा एवं इसकी रिपोर्ट उपखण्ड अधिकारी(SDO) को देगा।

नोट:- तहसीलदार द्वारा इस धारा के अंतर्गत की समस्त कार्यवाही दो माह के भीतर पूर्ण की जाएगी एवं विवादित मामलो में कार्यवाही छः माह के भीतर पूरी की जानी चाहिए, अगर उपर्युक्त कालावधि में निराकरण नहीं हो पा रहा है तब समस्त लंबित प्रकरणों, मामलों की रिपोर्ट तहसीलदार कलेक्टर की देगा【धारा 110 की उपधारा 7 के अनुसार】।

मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 110 का नियम क्रमांक 27 क्या कहता है जानिए:-

नामान्तरण की समस्त कार्यवाही की सूचना हितबद्ध व्यक्ति को देना आवश्यक है सूचना तहसीलदार द्वारा हितबद्ध व्यक्ति के साथ अन्य व्यक्तियों एक संबंधित प्राधिकारियों को भी प्रदान की जाएगी। हितबद्ध व्यक्तियों को सूचना दिए बिना किया गया नामान्तरण प्रारंभ से ही अवैध होगा।【रामपाल एवं एक अन्य बनाम यदुनाथ एवं एक अन्य,2010】(Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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