iQ जितनी ही जरूरी है, इमोशनल इंटेलिजेंस- motivational article in Hindi

Bhopal Samachar
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शक्ति रावत।
आई क्यू यानि इंटेलिजेंस कोशंट के बारे में तो हम सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपने  इमोशनल इंटेलिजेंस के बारे में सुना है। आजकल इसकी कॉरपोरेट्स से लेकर हर जगह चर्चा है। दरअसल  इमोशनल इंटेलिजेंस का मतलब है भावनात्मक वुद्विमत्ता और यह जिंदगी में आईक्यू जितनी ही अहम और जरूरी है। असल में अपनी और दूसरों की भावनाओं को ठीक से समझने उन्हें व्यक्त करने और नियंत्रित करने को ही  इमोशनल इंटेलिजेंस कहा जाता है। आईक्यू जहां आपके ज्ञान और वुद्विमत्ता को दर्शता है, तो वहीं  इमोशनल इंटेलिजेंस आपकी जीवन के प्रति व्यवहारिक समझ और परिस्थितियों को संभालने की योग्यता का पैमाना है। आजकल बड़ी कंपनियों में ही नहीं बल्कि कई दूसरे क्षेत्रों में भी अब  इमोशनल इंटेलिजेंस को योग्यता के तौर पर महत्व दिया जाने लगा है। तो जानिये  इमोशनल इंटेलिजेंस के बारे में।

1- क्यों जरूरी है  इमोशनल इंटेलिजेंस

दरअसल इस समय हम संक्रमण के युग में हैं, एक तरफ जहां इंसानी योग्यता और तकनीक उच्चतम स्तर पर पहुंच रही है, एक तरफ आर्टीफेशियल इंटेलिजेंस यानि एआई का इस्तेमाल शुरू हो हो चुका है, तो वहीं दूसरी तरफ अब इंसान की योग्यता के तौर पर भावनात्मक प्रबंधन की बात भी हो रही है। यही वजह है कि कंपनियां अब सिर्फ आईक्यू में अच्छे लोगों को नहीं बल्कि आईआई में अच्छी पकड़ रखने वालों को प्राथमिकता दे रहीं हैं।  इमोशनल इंटेलिजेंस आपके तनाव को तो कम करती ही है, लोगों के साथ काम करने की आपकी काबलियत को भी बढ़ाती है।

2- इमोशनल इंटेलिजेंस बढाने के फायदे

 इमोशनल इंटेलिजेंस इसलिये जरूरी है क्योंकि शोध बताते हैं, कि आपकी सफलता के जरूरी और काम में अच्छे प्रदर्शन के लिए आवश्यक 67 प्रतिशत गुण आपकी भावनात्मक वुद्विमत्ता यानि  इमोशनल इंटेलिजेंस के साथ जुड़े हुए हैं। शोधों में यह भी पाया गया कि काम में सर्वोच्च प्रदर्शन के लिए वुद्विमानी या आईक्यू से  इमोशनल इंटेलिजेंस दोगुना ज्यादा मायने रखती है।  

3-  इमोशनल इंटेलिजेंस वाले लोग इसलिये खास

अगर दुनिया की बात करें तो अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस और स्टार बॉक्स के संस्थापक हॉवर्ड शल्ट्ज इस क्षेत्र में दो बड़ेनाम हैं। जिन्हें  इमोशनल इंटेलिजेंस वाला सीईओ कहा जाता है, बेजोस जहां अपने ग्राहकों के दिल और दिमाग को अच्छी तरह समझते हैं, और उसी के आधार पर आगे बढ़ते हैं, तो वहीं हॉवर्ड अपने कर्मचारियों की सेहत को अपनी जिम्मेदारी मानते हैं, और उसे निभाते भी हैं।  इमोशनल इंटेलिजेंस वाले लोग इसीलिय पंसद किये जाते हैं, क्यों यह सेल्फ मोटीवेटिड, सेल्फ अवेयर और विश्वसनीय माने जाते हैं। खराब परिस्थिति में भी सकारात्मक बने रहते हैं, खुद को बेहतर व्यक्त कर पाते हैं, कठिन को सरल बना देते हैं, दबाब के बावजूद सहज बने रहते हैं, और सही नतीजों के लिए सही बात करना जानते हैं। इसलिये  इमोशनल इंटेलिजेंस जीवन में अपनाने जैसा है। - लेखक मोटीवेशनल एंव लाइफ मैनजमेंट स्पीकर हैं।
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