MP NEWS- जब आग लगी ट्रेन चंबल के पुल पर थी, फायर सेफ्टी उपकरण एक्सपायर्ड थे

ग्वालियर
। रेलवे ने सुरक्षा और सुविधा के नाम पर किराया तो बढ़ा लिया लेकिन सुरक्षा के बंदोबस्त नहीं किए। धौलपुर-मुरैना के बीच उधमपुर एक्सप्रेस में शुक्रवार को जब आग लगी, तब ट्रेन चंबल के पुल पर थी। यदि कोई पैसेंजर हड़बड़ी में चेन पुलिंग कर देता तब क्या होता, इसका अनुमान रेलवे कभी नहीं लगा पाएगा। 

उधमपुर एक्सप्रेस में फायर सेफ्टी उपकरण एक्सपायर्ड थे

ग्वालियर पहुंचे यात्रियों ने बताया कि चंबल पुल से पहले ट्रेन के ए-1 कोच के वॉशरूम से आग लगना शुरू हुई। चंबल पुल से ट्रेन गुजरते समय हवा से आग और भड़क गई। हेतमपुर के पास ट्रेन रोककर ट्रेन में लगे फायर सेफ्टी इक्विपमेंट से आग पर काबू करना चाहा। देखा तो इक्विपमेंट खराब थे। ज्यादातर एक्सपायर हो चुके थे। करीब 30 मिनट बाद फायर ब्रिगेड आई। जब तक आग में किसी की ज्वेलरी जल गई, तो किसी के कपड़े और डॉक्यूमेंट राख हो गए।

घटनास्थल पर 3:10 बजे ट्रेन रोकी गई थी। शाम 5:53 बजे वहां से रवाना किया गया। ग्वालियर स्टेशन पर ट्रेन 7:02 बजे आई। यहां से ट्रेन रात 8:54 बजे रवाना हुई है। 2 घंटे यहां ट्रेन खड़ी रही। हादसे को करीब 5 घंटे हो चुके थे, लेकिन इसके बाद भी यात्रियों के चेहरे पर दहशत दिखी। लोगों का कहना था कि यह समझ लो कि मौत ने घेर लिया था, भगवान की कृपा से ट्रेन जमीन पर आ गई है और हम बाहर भाग गए।

जब A-1 कोच में फायर सेफ्टी नहीं है तो स्लीपर और जनरल में क्या होगी

पठानकोट निवासी संजय अप्पू गुप्ता का कहना था कि रेलवे के AC कोच में आग बुझाने के इंतजाम नहीं हैं, तो आम कोच के क्या हालत होंगे। A-1 कोच में सफर कर रही कविता का कहना था कि उनकी ज्वेलरी जल गई। राजेंद्र गुप्ता का कहना था कि ऐसा खौफ का मंजर कहीं नहीं देखा। छत्तीसगढ़ के रहने वाले सत्या गुप्ता का कहना था कि बच्चों को जैसे-तैसे चलती ट्रेन से उतारा। हम भी चलती ट्रेन से ही उतरे।

नौकरी लग गई थी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होना था, सब जल गया

घटना के बाद ट्रेन से अलग किए गए तीन कोचों के यात्रियों को ग्वालियर में खाना-पानी दिया गया। दूसरे कोच के यात्रियों को चाय बिस्किट दिए गए। ट्रेन करीब दो घंटे खड़ी रही। तीन कोचों को जोड़ा गया है, इसके बाद ट्रेन को रवाना किया गया। इस दौरान यात्री परेशान होते रहे, क्योंकि जिनका सामान पूरा जल गया, उनकी सुनवाई नहीं हुई। एक युवती का पुलिस में सिलेक्शन हो गया था, लेकिन उसके डॉक्यूमेंट जल गए। उसको डॉक्यूमेंट जमा करने थे।

फायर सेफ्टी में भ्रष्टाचार, मीडिया ट्रायल के दौरान प्रमाणित 

फायर सेफ्टी में भ्रष्टाचार हुआ है यह बात मीडिया ट्रायल के दौरान ही प्रमाणित हो गई। ना तो यात्रियों की शिकायत सुनी गई और ना ही इन्वेस्टिगेशन के लिए गठित की गई टीम ने मौका मुआयना किया इसके बावजूद झांसी रेल मंडल के PRO शिवम शर्मा ने दावा किया कि ट्रेन में लगे फायर सेफ्टी इक्विपमेंट से ही प्रारंभिक तौर पर आग पर काबू पाया जा सका। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.
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