टिकीटोरिया माता मंदिर- रानी लक्ष्मीबाई द्वारा स्थापित प्राचीन और चमत्कारी धर्मस्थल - famous temple of Madhya Pradesh

टिकीटोरिया माता मंदिर मध्य प्रदेश के सागर जिले में रहली-जबलपुर रोड पर स्थित है। टिकीटोरिया को लोग मिनी मैहर के नाम से भी जानते हैं क्योंकि मैहर में ढेरों सीढियां चढकर पहाड पर माता शारदा के श्रद्धालुओं को दर्शन होते हैं। ठीक उसी प्रकार टिकीटोरिया में भी सैकड़ों सीढियों को पार करने के बाद पहाड पर माता शेरोवाली के दर्शन होते हैं।

टिकीटोरिया माता मंदिर का इतिहास 

टिकीटोरिया मन्दिर का मराठाकालीन है। पं गोपालराव और रानी लक्ष्मीबाई के द्वारा सन् 1732 से 1815 में मध्य निर्मित हुआ। इस मन्दिर की भी प्राचीन मूर्ति अन्य मन्दिरों की प्राचीन मूर्तियों के भांति विदेशियों के द्वारा खण्डित कर दी गयी थी। जिससे वह मूर्ति नर्मदा नदी में विसर्जित करने के उपरान्त पुनः मां दुर्गा जी की मूर्ती सन् 1968 में ग्राम बरखेडा के अवस्थी परिवार श्रीमती द्रौपदी शारदादीन अवस्थी के द्वारा स्थापित कराई गई।

टिकीटोरिया का मन्दिर में एक बडी गुफा भी है जिसके अन्दर राम, लक्ष्मण जानकी की प्रतिमा है और आगे गुफा में ही विशाल पंचमुखी हनुमान की प्रतिमा भी स्थापित है। अंनतेश्वर मंदिर है जो पूरा संगमरमर का बना हुआ है। टिकीटोरिया मन्दिर पहाडी के नीचे एक तालाब भी बना हुआ है जिसे लोग रामकुंड के नाम से जानते हैं। टिकीटोरिया मन्दिर पर जाने के लिए 332 सीढियां हैं। 16 धर्मशालाएं हैं और एक बडी यज्ञशाला भी है।

टिकीटोरिया मन्दिर पर वैसे तो हमेशा ही मेला सा लगा रहता है पर वर्ष में तीन बार लाखों श्रद्धालुओं का एक साथ आगमन होता है:-
1 चैत्र नवरात्रि के अवसर पर
2 क्वार नवरात्रि के अवसर पर
3 और नये वर्ष के अवसर पर भी लोग माता के करने के लिए आते हैं

टिकीटोरिया माता मंदिर कैसे पहुंचे

टिकीटोरिया मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर सागर जिले की रहली तहसील में स्थित है। यह मंदिर जबलपुर सागर राजमार्ग में स्थित है। टिकीटोरिया मंदिर में पहुंचना बहुत ही आसान है, क्योंकि यह मंदिर जबलपुर और सागर हाईवे पर स्थित है। सागर अथवा जबलपुर से आप बड़ी ही आसानी से अपने निजी वाहन द्वारा अथवा सार्वजनिक यात्री बस इत्यादि के द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं।

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