WIN YOUR FEAR- डर के आगे जीत तो है, लेकिन कैसे

शक्ति रावत।
एक सीधा सा सवाल। जब आपको डर लगता है, तो आप क्या करते हैं? जबाब कई हो सकते हैं, लेकिन इनमें से सही कौन सा है। सालों पहले एक बड़े ब्रांड के विज्ञापन की टैग लाइन हुआ करती थी, डर के आगे जीत है। यह बात सौ फीसदी सही भी है, लेकिन कैसे! ज्यादातर लोग नहीं जानते। 

'डर' दो अक्षरों के इस एक शब्द से आदिकाल से इंसान का पीछा किया है। आज जब महामारी का दौर है, तो हर कोई डरा हुआ नजर आ रहा है, सबके डर अलग-अलग हैं, लेकिन कोई दिखा रहा है, और कोई छिपा रहा है। तो क्या वास्तव में डर को जीता जा सकता है, या फिर ये कोई किताबी बात है। चार स्टेप में समझें कैसे।

1- डर को समझें, उसे स्वीकार करें-

अगर कोई कहता है, कि वह डरता नहीं तो वह सिर्फ झूठ बोल रहा है, और कुछ नहीं। दुनिया में आज तक कोई पैदा नहीं हुआ, ना ही होगा, जिसे डर ना हो। कोविड के इस दौर में डर क्या होता है, लोग बेहतर तरीके से जान और समझ रहे हैं, लेकिन काबू करने का तरीका कम लोगों के पास है। पहली बात जानें। अपने डर को समझें आपको किस बात का डर है और क्यों। डर बिना कारण के नहीं होता। दूसरा डर से लडऩे की जगह उसे स्वीकार करें। आपको हैरत होगी कि आपका डर कम होने लगेगा। आप डर से बचने की कोशिश करते हैं, इसलिये वह हावी होता है। यह शोधों ने भी साबित किया है।

2- दबाएं नहीं, खुलकर बात करें-

लोग अकसर अपने डर को छिपाने की कोशिश करते हैं, उन्हें लगता है कि लोगों को पता चला तो वे उनका मज़ाक उड़ाएंगे। लेकिन मनोवैज्ञानिक शोध कहते हैं, कि डर को दबाने की जगह उस पर अपने विश्वसनीय लोगों के साथ खुलकर बात करनी चाहिये। बात करने से समस्या का हल निकलता है, आपको मदद मिल सकती है, और सुकून मिलता है। दरअसल डर एक स्प्रिंग की तरह है, आप उसे जितना दबाते हैं, वह दोगुनी गति से ऊपर आता है।

3-तर्क से दें जबाब-

डर आपके दिमाग या मन में विचार के जरिये उठता है, इसलिये उसका जबाब भी तर्क है। एक खिलाड़ी, एक नेता, एक विजनेसमैन सभी को डर है। लेकिन वे पॉजीटिविटी से उसको हावी नहीं होने देते। उदाहरण के तौर पर आपको महामारी से संक्रमित होने का डर है, तो अपने डर को जबाब दीजिये की इस समय कुल 10 फीसदी लोग ही बीमार है, बाकी 90 फीसदी स्वस्थ्य हैं, तो मैं अपने को 10 फीसदी में क्यों गिंनू। यानि जब भी कोई डर उभरे खुद से बात करना शुरू करें, और तर्क के साथ खुद को ही डर का जबाब दें।

4- जगाएं अपने अंदर की शक्ति

ईश्वर या प्रकृति ने आपको इतनी शक्ति दी है, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते और यकीन मानिये दुनिया में कोई डर उस शक्ति से बड़ा नहीं है। बस आपको वह शक्ति जगाने की जरूरत है। प्रकृति के करीब रहकर, पॉजीटिव सोच, शारीरिक सक्रियता और शांत रहकर उस ताकत को यानि अपने आत्मबल को जगाईये। फिर कोई डर आपके ऊपर हावी नहीं हो सकता। -लेखक मोटीवेशनल स्पीकर हैं। 

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