श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार अपोहन क्या है, मेडिकल साइंस में इसे क्या कहते हैं - GK IN HINDI

श्रीमद्भागवत गीता के 15वें अध्याय में अपोहन शब्द का अर्थ वर्णित है। अपोहन का अर्थ है "मन  तथा बुद्धि में उत्पन्न विकारों को शरीर से बाहर निकालना।"

वैज्ञानिक रूप से अपोहन क्या है / scientificly what is Apohan 

अपोहन को मेडिकल साइंस की भाषा में डायलिसिस (Dialysis) कहा जाता है। जब किसी व्यक्ति के वृक्क या गुर्दे या Kidney सही ढंग से काम नहीं करते अर्थात रक्त का शोधन नहीं करते उस स्थिति में Dialysis करवाया जाता है। यह रक्त शोधन की एक कृत्रिम विधि (Artificial method) है।

हमारे वृक्क कैसे काम करते हैं / How does our kidney work

हमारे वृक्क या किडनी में लाखों की संख्या में वृक्काणु नेफ्रॉन (Nephron) पाए जाते हैं। जिस प्रकार हमारे शरीर की सबसे छोटी इकाई कोशिका या सेल (cell) होती है। उसी प्रकार वृक्क की इकाई नेफ्रॉन होती है।
यह एक छलनी (Seive) की तरह की रचनाएं होती हैं जो रक्त को छानने का काम करती है और उसमें से अशुद्धियों को दूर हटाती हैं। (जैसे RO वाटर प्यूरीफायर में मेंब्रेन पानी में से उसकी अशुद्धियां दूर कर देता है।)

अपोहन का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

जिस प्रकार धार्मिक रूप से मन तथा बुद्धि के विकारों को हटाना आवश्यक होता है यानी कि उनका " अपोहन"  करना आवश्यक होता है। उसी प्रकार शरीर में उपस्थित विकारों को शरीर से बाहर निकालना भी आवश्यक होता है। 

अपोहन का जादू /  Miracle of Apohan 

परंतु कमाल की बात यह है कि इसमें कई बार डायलिसिस करवाए बिना भी काम बन जाता है और आपका कोई खास दोस्त या व्यक्ति, परिचित या अपरिचित भी अपोहक (Dializer) बनकर आपके मन और बुद्धि के सभी विकारों को हटा देता है। शारीरिक ना सही पर मानसिक अपोहन तो हो ही जाता है।

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