SAI BHOPAL में प्रताड़ना से त्रस्त आउटसोर्स कर्मचारी ने जहर पिया - EMPLOYEE NEWS

भोपाल
। भारतीय खेल प्राधिकरण (SPORTS AUTHORITY OF INDIA BHOPAL), भोपाल की मेस के लिए नियुक्त हुए आउटसोर्स कर्मचारी दिलीप विश्वकर्मा ने जहर पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की है। हमीदिया अस्पताल के आईसीयू में उसे भर्ती कराया गया है। उसका इलाज चल रहा है। आरोप है कि खेल प्राधिकरण की क्षेत्रीय संचालक मंजूश्री दयानंद दिलीप विश्वकर्मा से अपने घर का खाना बनवाती थी। प्रताड़ित करने के लिए चोरी के एक मामले में दिलीप पर संदेह जताया गया। पुलिस ने उसे 2 दिन तक थाने में बंद रखकर पीटा।

वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी संबंधित हों से जानकारी मंगवाई

हमीदिया अस्पताल में दिलीप विश्वकर्मा का इलाज किया जा रहा है। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने रातीबड़ पुलिस के थाना प्रभारी और साई में हुई चोरी के जांच अधिकारी से इस मामले की पूरी रिपोर्ट तलब कर ली है। पुलिस का कहना है कि जैसे ही पीड़ित की हालत में सुधार होगा, उसके बयान लेकर जांच शुरू करेंगे। 

मंजूश्री दयानंद ने अपने घर में चोरी होने की रिपोर्ट दिखाई थी

बता दें कि साई सेंटर का कर्मचारी दिलीप विश्वकर्मा हमीदिया अस्पताल के आइसीयू में भर्ती है। उसने फिनाइल पीकर खुदकुशी करने की कोशिश की थी। दिलीप ने बताया कि साई सेंटर में क्षेत्रीय संचालक मंजूश्री दयानंद ने अपने घर में चोरी होने की रिपोर्ट लिखवाई थी। इसी मामले में उसके ऊपर शक किया गया था। पुलिस ने पूछताछ के बहाने थाने में बुलाया और फिर 2 दिन तक बंद करके बेरहमी से पिटाई की। इसी प्रताड़ना से तंग आकर उसने आत्महत्या की कोशिश की है। 

ASP के अनुसार सामान्य पूछताछ की गई थी

एएसपी जोन 1 अंकित जायसवाल का कहना है कि साई सेंटर में चोरी के मामले में पुलिस लगातार आरोपित की तलाश कर रही है। चोरी का सुराग तलाश करने के लिए साई सेंटर के कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। अगर इस सामान्य पूछताछ से कोई कर्मचारी ने ऐसा किया है तो उसके बयान दर्ज किए जाएंगे। उसे किसी ने प्रताड़ित नहीं किया है।

मैंने किसी को प्रताड़ित नहीं किया : मंजूश्री दयानंद

दिलीप कई सालों से साई के कैंपस में रह रहा है। वह मेरा कुक नहीं है, बल्कि मेस में काम करता है। मेरे घर चोरी हुई है। इसकी मैंने पुलिस में FIR की थी। इसके बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर दिलीप व अन्य कर्मचारियों से बातचीत की थी। पुलिस के कहने पर ही दिलीप विश्वकर्मा की सेवा समाप्त कर दी थी। मैंने किसी भी कर्मचारी को प्रताड़ित नहीं किया है। उसने फिनाइल क्यों पीया, इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। 

सिर्फ एक सवाल 
यदि मंजूश्री दयानंद के बयान पर विश्वास करें तो फिर दिलीप विश्वकर्मा का मंजूश्री के घर आने जाने का कोई कारण ही उपस्थित नहीं होता। फिर चोरी के मामले में दिलीप पर शक क्यों जताया गया। पुलिस ने केवल दिलीप को ही हिरासत में क्यों लिया। शासकीय काम के लिए नियुक्त किए गए कर्मचारी से अपने घर की बेगारी करवाना, पद के दुरुपयोग का मामला भी बनता है।

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