ज्योतिरादित्य सिंधिया के सरदार एवं परिवहन मंत्री का बेतुका बयान, संस्कार पर सवाल - Madhya pradesh news

भोपाल
। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में कल सुबह बस हादसा हुआ। मौत के आंकड़ों को देखकर मध्य प्रदेश के कई नागरिक शोक में थे परंतु एक्सीडेंट के लिए जिम्मेदार परिवहन विभाग के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एक उत्सव में शामिल हुए और हंसते हुए भोजन किया। जब सवाल पूछे गए तो बेतुके बयान देने लगे। एक बार भी नहीं स्वीकार किया कि 34 सीटर बस को 75 किलोमीटर से ज्यादा चलाने की परमिशन देने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे या फिर 34 सीट वाली बस में 63 यात्री सवार थे तो इसके लिए परिवहन विभाग जिम्मेदार है।

दाल-रोटी खाकर वापस आ गया था: परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत

जवाब में गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि मैं सुबह से मुख्यमंत्री के साथ हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहा था। मंत्री डॉ अरविंद भदौरिया ने बसंत पंचमी पर भोज रखा था, लेकिन यह सादा कार्यक्रम था। जहां मेरे अलावा कई मंत्री पहुंचे थे। मैं वहां कुछ देर ही रुक कर दाल-रोटी खाकर वापस आ गया था। कांग्रेेस के आरोप पर उन्होंने कहा, जो लोग हादसे के बहाने राजनीति करते हैं, मैँ उनकी निंदा करता हूं। 

दाग तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के दामन पर भी लगते हैं 

संविधान में कहीं नहीं लिखा और ना ही कोई कानून है लेकिन जब जब इस तरह के हादसे होते हैं विभागीय मंत्री हमेशा जिम्मेदारी लेते हैं और कार्यवाही करते हैं। मध्य प्रदेश की संस्कृति और संस्कार ऐसे ही हैं परंतु अब शायद सब कुछ बदल रहा है। बसंत उत्सव के भोज में शामिल होने के बाद परिवहन मंत्री का यह बयान न केवल उनकी विचारधारा को प्रकट करता है बल्कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के दामन पर भी दाग लगते हैं क्योंकि गोविंद सिंह राजपूत को कांग्रेस से भाजपा में लाने वाले और शिवराज सिंह सरकार में मंत्री बनवाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ही हैं।

मंत्री अरविंद भदौरिया को बसंत उत्सव ही रद्द कर देना चाहिए था 

50 यात्रियों कीमत कम नहीं होती। भारत के राष्ट्रपति तक ने शोक व्यक्त किया है। सुबह 11:00 बजे तक सभी की समझ में आ गया था कि हादसा बहुत बड़ा है और शायद ही कोई जिंदा बचे। इसीलिए तो मुख्यमंत्री ने अपना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम स्थगित कर दिया। डॉ अरविंद भदोरिया भी मध्य प्रदेश शासन के मंत्री हैं। भले ही बसंतोत्सव भारत की सांस्कृतिक परंपरा हो परंतु ऐसे शौक के समय में किसी भी प्रकार का उत्सव रद्द कर देना चाहिए। यही भारत की परंपरा है। यहां तो पड़ोस में किसी का सामान्य निधन हो जाने पर भी मोहल्ले के लोग घर में खाना नहीं बनाते। माननीय मंत्री उत्सव कैसे बना सकते थे।

सवाल तोड़ते रहेंगे, पूरा प्रदेश चाटुकार नहीं है 

मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार में इन दिनों कुछ मंत्री अपने ही भ्रम जाल में फंसे हुए हैं। प्रमुख पद पर पहुंचने के बाद चाटुकार लोगों की फौज हमेशा घेर ही लेती है। ऐसे लोग अपने तर्कों के माध्यम से हर गलत बात को, सही साबित करने की कोशिश भी करते हैं। यह भी संभव है कि विज्ञापन की मजबूरी में कुछ पत्रकार और समाचार संस्थान उनकी निंदा नहीं करेंगे परंतु मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को समझना चाहिए कि उन्हें हमेशा समाज में रहना है और पूरा मध्य प्रदेश चाटुकार नहीं है।

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