MPPSC HIGH COURT: भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक हटाई, परीक्षा परिणाम निर्णय के अधीन

जबलपुर
। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग की संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया पर लगाई गई रोक को हटा दिया है। मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने 21 जनवरी 2021 को जारी किए गए अपने आदेश में संशोधन करते हुए सिर्फ एमपीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को निर्णय के अधीन रखा है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान संशोधन आवेदन पर विचार करते हुए उक्त व्यवस्था दी गई। इसी के साथ मामले की अगली सुनवाई चार फरवरी को निर्धारित कर दी गई।

MPPSC HIGH COURT: 21 जनवरी को संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी

उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट ने 21 जनवरी को अंतरिम आदेश जारी कर पीएससी की संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए पीएससी प्रांरभिक परीक्षा के परिणाम को याचिका के निर्णय के अधीन रखने का आदेश जारी किया था। पीएससी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत सिंह ने आवेदन दायर आदेश को स्पष्ट करने का अनुरोध किया था। बुधवार को सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अपने पूर्व अंतरिम आदेश में संशोधन कर पीएससी प्रांरभिक परीक्षा के परिणाम को याचिका के निर्णय के अधीन रखने का संशोधित आदेश जारी किया।

MPPSC HIGH COURT: आरक्षण नियमों को लेकर विवाद है

सामाजिक संगठन अपाक्स सहित अन्य की ओर से दायर याचिकाओं में कहा गया कि पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है। परीक्षा परिणाम तैयार करते समय सिविल सेवा नियम-2015 के प्रावधानों को भूतलक्षी प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही मैरिट में आने वाले आरक्षित वर्ग के आवेदकों को अनारक्षित सूची में शामिल नहीं किया गया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट संतोष पाल, रामेश्वर सिंह ठाकुर, हर्ष बुंदेला और विनायक शाह पैरवी कर रहे हैं। राज्य शासन की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली पैरवी कर रहे हैं।

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