GWALIOR: भाई को सिपाही बनाने छोटा परीक्षा दे रहा था, दोनों को 5-5 साल की जेल - MP NEWS

NEWS ROOM
ग्वालियर।
 मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के विशेष सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने आरक्षक भर्ती घोटाले के मामले में दो सगे भाइयों को को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। बड़े भाई को आरक्षक बनाने के लिए छोटे भाई ने भी परीक्षा दी थी, लेकिन एक व्यक्ति के नाम से दो जगह परीक्षा दिए जाने की वजह से पकड़े गए। दोनों को सजा काटने के लिए जेल भेज दिया।

व्यापमं ने 30 सितंबर 2012 में आरक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। गोला का मंदिर स्थित हनुमान कालोनी निवासी सुनील भदौरिया ने दो फार्म भरे थे। एक जगह पर सुनील ने खुद परीक्षा दी और दूसरी जगह उसके छोटे भाई अनिल भदौरिया ने भी सुनील के नाम से ही परीक्षा दी। अनिल एमपी पुलिस में आरक्षक पद पर कार्यरत था। 

हरिदर्शन स्कूल में फोटो मिसमैच होने पर अनिल भदौरिया पकड़े गए। परीक्षा केंद्राध्यक्ष ने यह कहते हुए परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी कि फोटो में थोड़ा अंतर है। परीक्षा खत्म होने के कुछ दिन बाद इनके फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। एक व्यक्ति दो जगह कैसे परीक्षा दे सकता है। इस आधार पर दोनों को खिलाफ केस दर्ज किया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह मामला सीबीआइ को हेंडओवर हो गया। CBI ने मामले की जांच करके अतिरिक्त चालान पेश किया था। 

CBI की ओर से पैरवी कर रहे लोक अभियोजक चंद्रपाल सिंह ने तर्क दिया कि दोनों भाइयों ने एक गंभीर अपराध को अंजाम दिया है। ऐसे अपराधों से समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार के फर्जीवाड़े से प्रतिभावान छात्र वंचित रह गए हैं। दोनों भाइयों ने बचाव में तर्क दिया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। पहला अपराध है और नव युवक हैं। सजा देने में नरमी बरती जाए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सगे भाई सुनील व अनिल भदौरिया को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। 3700-3700 रुपये का अर्थदंड लगाया है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!