TALK MANAGEMENT- लोगों को पहचानने का सबसे आसान तरीका, सिर्फ 3 बातें

शक्ति रावत।
शोध कहते हैं, जब आप किसी से बात कर रहे होते हैं, तब तीन चीजें बड़े काम की होती हैं, अगर इन तीन चीजों पर गौर किया जाए तो आप आसानी से किसी भी व्यक्ति की परख कर सकते हैं, कि वह कैसा है। टॉक मैनेजमेंट की थोड़ी सी जानकारी आपको लोगों की बेहतर पहचान करने में काफी मदद कर सकती है। 

कैसे पता करें कि अंजान व्यक्ति अच्छा है या नहीं

अक्सर किसी ना किसी बहाने हमारा लोगों से मिलना जुलना होता ही रहता है, ऐसे में कई बार किसी से बात करके आप भी उलझन में फंस जाते हैं, कि यह आदमी सही है, या गलत। इससे आगे संपर्क रखना ठीक होगा या नहीं। कई बार सही आंकलन नहीं कर पाने की वजह से आप किसी को ठीक से समझ ही नहीं पाते, कई बार यह तय नहीं कर पाते हैं, कि आखिर इस आदमी से डील कैसे किया जाए। तो आईये आज बात करते हैं, टॉक मैनेजमेंट की बुनियादी बातों की जो आपके लिए भी शायद किसी मौके पर मददगार साबित हो जाएं।

व्यक्ति को पहचानने के लिए इन तीन बातों पर गौर करें 

विशेषज्ञ कहते हैं, कि बातचीत के दौरान तीन बातें किसी के भी बारे में पूरी कहानी बयान कर देतीं हैं। पहली उसके द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे शब्द, दूसरा उसकी बॉडी लैंग्वेज और तीसरी उसकी टोन। बातचीत में करीब 55% हिस्सा व्यक्ति की बॉडी लैंग्वेज का होता है, जो उसके बारे में काफी कुछ कहता है। 15% हिस्सेदारी शब्द निभाते हैं, और 30 फीसदी असर उसकी टोन का होता है। 

यानि व्यक्ति क्या कह रहा है, किस अंदाज में कह रहा है, उसके शब्द क्या हैं, और वह बोलते समय उसकी बॉडी लैंग्वेज क्या कह रही है। मतलब उसके हावभाव उसके शब्दों का साथ दे रहे हैं, या नहीं। लोगों को समझने के लिए इन तीनों चीजों पर ध्यान देना जरूरी होता है। बार-बार प्रेक्टिस करने से यह आदत आपके अंदर विकसित हो सकती है, और आप लोगों को ऑवर्जव करना सीख जाएंगे।

कपड़ों और चलने के तरीके से व्यक्ति के स्वभाव की पहचान

अगर आप किसी के पहनावे और उसके चलने के ढंग़ को भी गौर से देखें तो उसके बारे में काफी कुछ अंदाजा लगा सकते हैं। जैसे हमेशा सूटबूट में दिखता है, इसका मतलब वह एक एम्बिशीयस इंसान है। इसी तरह अगर कोई जींस और टीशर्ट पहनता है, इसका मतलब वह कम्फर्ट और कैजुअल है। कोई अंगूठीयां और ताबीज पहनकर घूमता है, तो इसका मतलब है कि वह धार्मिक स्वभाव का है। इसी तरह से जो लोग सिर को ऊंचा करके चलते हैं, उन्हें आत्मविश्वासी समझा जाता है। जबकि डगमगाकर या संकोच के साथ चलने वालों में आत्मविश्वास की कमी मानी जाती है। इसी तरह से सीना बाहर निकालकर और अकडक़र चलने वाले लोगों को ईगोइस्ट और दिखावा पंसद माना जाता है।

जिससे बातचीत करें उसकी भावनाओं पर भी ध्यान दें

जब भी आप किसी से बातचीत कर चुके होते हैं, आपका मन उस सख्श के बारे में आपको कुछ ना कुछ इंट्यूशन जरूर देता है। किसी की पहचान का यह वह तरीखा है, जो लॉजिक से बाहर होता है, या जिसे देखा नहीं जा सकता। लेकिन किसी से मिलने के बाद आपका मन उसके बारे में क्या कहता है, इस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। किसी से मिलने या बातचीत के बाद आपके मन में क्या भाव पैदा हुआ उत्साह, निराशा या डर इस हमेशा ध्यान दीजिये। क्योंकि आप बाहरी आंखों से जो नहीं देख सकते वह आपका मन महसूस करता है, और आपको सटीक आभास देता है। यही वजह होती है, कि ज्यादातर लोग कुछ लोगों से बार-बार मिलना चाहते हैं, वे उन्हें पंसद होते हैं, लेकिन कुछ लोगों से नहीं। (लेखक मोटीवेशनल स्पीकर और लाइफ मैनेजमेंट कोच हैं।)

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