स्कूल खोलने किसी भी हद तक जाने को तैयार प्राइवेट स्कूल संचालक, सरकार को धमकाया - MP NEWS

भोपाल
। व्हाट्सएप पर ऑनलाइन क्लास लगाकर पूरी फीस वसूलने की कोशिश करने वाले प्राइवेट स्कूलों पर जब हाईकोर्ट और सरकार की तरफ से शिकंजा कस गया तो प्राइवेट स्कूल संचालकों ने यू टर्न ले लिया। अब स्कूल संचालक सरकार की हर शर्त मानने को तैयार हैं। गौर करने वाली बात यह है कि सरकार की हर शर्त के पीछे स्कूल संचालकों ने फीस बढ़ाने की प्लानिंग कर रखी है। प्राइवेट स्कूल संचालकों ने सरकार को धमकी दी है कि यदि 5 दिन में स्कूल खोलने का डिसीजन नहीं लिया तो ऑनलाइन क्लास भी बंद कर देंगे।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कक्षा 1 से 8 तक वर्तमान शिक्षा सत्र स्कूल बंद रखने के आदेश जारी करने के बाद एसोसिएशन ऑफ अन-एडेड प्राइवेट स्कूल्ज मध्यप्रदेश एवं सहोदय ग्रुप के सचिव विनी राज मोदी ने आज राजधानी भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और अपने तरीके से स्कूलों को सामान्य रूप से संचालित करने की जरूरत पर जोर दिया। 

जब बाजार खुल गया तो स्कूल पर पाबंदी क्यों

विनी राज ने कहा कि सरकार ने खुद ही स्कूल बंद करने का निर्णय ले लिया है। 9वीं से लेकर 12वीं तक का जल्द खोलने की बात हो रही है, लेकिन कब खोले जाएंगे इसका निर्णय नहीं हुआ। सवाल उठता है कि सभी तरह की व्यवस्थाएं खुल चुकी हैं, सिर्फ स्कूल पर ही पाबंदी क्यों?

फीस बढ़ाकर केंद्र की गाइडलाइन का पालन करेंगे

केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार पूरी व्यवस्था होगी। एक कमेटी बनाई गई है। यह पूरी तरह बच्चों के सोशल डिस्टेंसिंग पर नजर रखेगी। गेम्स या स्पोर्ट्स के पीरियड नहीं होंगे। बसों में 50% क्षमता के साथ बच्चों को लाया जाएगा। इसमें कुछ खर्चा बढ़ेगा।ज्यादातर स्कूलों में खुले में पढ़ाया जाएगा। रूम में आधे बच्चों को ही बैठाया जाएगा। दो शिफ्ट में स्कूल लगाए जा सकेंगे। खुले रूम रखे जाएंगे। हर दो लेक्चर के बाद 15 मिनट का ब्रेक करेंगे।

पेरेंट्स को समझना होगा, बच्चों पर विश्वास करना होगा 

विनी राज ने कहा कि कहीं-कहीं न छोटे बच्चों को लेकर अभिभावकों की चिंता समझ आती है, लेकिन उन्हें भी समझना होगा कि 9 महीने सभी बच्चे ट्रेंड हो चुके हैं। सभी इस बात को समझने लगे हैं। बच्चों पर विश्वास करना होगा। उन्हें सिखाना जरूरी है। यहां शिक्षक हैं उन्हें देखने के लिए।

पहले ऑन लाइन क्लास को सफल बताया था अब बकवास होता रहे हैं 

विनी राज ने कहा कि ऑन लाइन क्लास से भरपाई नहीं की जा सकती है। जो बच्चे ध्यान दे रहें हैं उनके साथ हम भी लगातार मेहनत कर रहे हैं, लेकिन जो ध्यान ही नहीं दे रहे। वो कहीं न कहीं पीछे हैं। कम से कम 90 दिन का शैक्षणिक समय दिया जाए। हम शासन के सामने 10 मांगे रखी हैं। बच्चों के भविष्य को देखते हुए अब सरकार को निर्णय करना है।

बड़ा सवाल: बच्चे संक्रमित हो गए तो जेल कौन जाएगा ?

एसोसिएशन ऑफ अन-एडेड प्राइवेट स्कूल्ज मध्यप्रदेश एवं सहोदय ग्रुप ने केवल उन्हीं पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित किया जिन्हें वह नियमित रूप से विज्ञापन देते रहे हैं। इसलिए ना तो यह सवाल उठा और ना ही जवाब मिला कि यदि उनकी इच्छा के अनुसार स्कूल खोलने के बाद यदि बच्चे संक्रमित हो गए तो कौन जिम्मेदार होगा। उनका इलाज कौन करवाएगा। यदि किसी बच्चे की मृत्यु हो गई तो प्राचार्य जेल जाएगा या स्कूल संचालक।

स्कूल संचालकों की प्रॉब्लम क्या है 

प्राइवेट स्कूल संचालकों को भी पता है कि वर्तमान शिक्षा सत्र अब किसी काम का नहीं है क्या है। ना तो पढ़ाया जा सकता है और ना ही परीक्षा ली जा सकती है। एक औपचारिकता की जा सकती है जो ऑनलाइन चल रही थी लेकिन, सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा जनरल प्रमोशन की घोषणा किए जाने के बाद ऑनलाइन क्लास में बच्चों की उपस्थिति 50% रह गई है। स्कूल संचालकों को डर है कि जो बच्चे ऑनलाइन क्लास में नहीं आ रहे, वह फीस भी जमा नहीं करेंगे। इसलिए स्कूल संचालक चाहते हैं कि पेरेंट्स पर दबाव बनाने के लिए स्कूल खोले जाए ताकि फीस वसूली की जा सके। बच्चों को पढ़ाना या उनका भविष्य सुधारना जैसे शब्द स्कूल संचालकों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपयोग ही नहीं किए गए।

सरकार पर दवाब बनाकर क्या फायदा उठाना चाहते हैं

सहोदय ग्रुप के अध्यक्ष अनुपम चौकसे, एटीपीआई के अध्यक्ष केसी जैन, विनी राज मोदी और अजीत पटेल ने बताया कि हम चाहते हैं कि सरकार अगर स्कूल खोलने का निर्णय नहीं लेती है, तो हमारी 10 प्रमुख मांगे हैं। 
या तो स्कूल स्टाफ का वेतन सरकार की तरफ से दिया जाए या फिर 0% ब्याज पर ₹20000000 का लोन दिया जाए। 
स्कूलों के बिजली और पानी के टैक्स माफ किए जाएं।

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