कौन से दांत सबसे ज्यादा मजबूत होते हैं, सफेद या पीले, यहां पढ़िए - GK IN HINDI

सन 1824 से लेकर आज तक टूथपेस्ट बनाने वाली कंपनियां लगातार यह दावा करती रही है कि उनका टूथपेस्ट उपयोग करने से आपके दांत सफेद और चमकदार हो जाएंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि आपके दांत सफेद और चमकदार हो गए है, तो वह कमजोर हो गए हैं और कभी भी आपके लिए कष्ट का कारण हो सकते हैं। सवाल यह है कि दातों का असली रंग क्या है और यदि किसी भी तरीके से उन्हें सफेद चमकदार बना दिया गया तो क्या दांत कमजोर पड़ जाते हैं। 

दातों का रंग कैसे निर्धारित होता है 

दांत कई परतों से मिलकर बना होता है। हमको जो दिखाई देती है उस परत का नाम दन्तवल्क या 'दन्त एनामेल' (Tooth enamel) है। यह दांत का बाहरी आवरण है। स्वाभाविक रूप से दांतों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। इनेमल - मानव शरीर का कठोरतम पदार्थ है। दंत एनामेल में सबसे ज्यादा मात्रा कैल्शियम की होती है। कैल्शियम के कारण यह मान लिया जाता है कि दंत एनामेल का रंग सफेद होना चाहिए। जबकि ऐसा नहीं है। इसका सही रंग हल्का पीला होना चाहिए।

दांतो को सफेद और चमकदार बनाना फायदेमंद है या नुकसानदायक

मनुष्य या किसी भी जानवर के शरीर में दातों का एकमात्र काम भोजन की चीरफाड़ करना एवं उसे चबाकर पाचन के योग्य बना देना है। खानपान के दौरान दांतो को कई तरह के हमले से गुजरना पड़ता है। इसीलिए दातों पर एनामेल की परत होती है। दंत एनामेल की ड्यूटी दांतो को सुरक्षा प्रदान करना है ना की खूबसूरती। पिछले कुछ सालों में मुनाफाखोरी के लालच में कुछ मल्टीनेशनल कंपनियों ने दांतों को खूबसूरती का प्रतीक बना दिया है। जो नुकसानदायक है।

दातों को उनके प्राकृतिक रंग हल्का पीला से सफेद करने के लिए टूथपेस्ट बनाने वाली कंपनियां टूथपेस्ट के अंदर ऐसे केमिकल उपयोग करती है जिनमें हाइड्रोजन परॉक्साइड होता है जो दातों की सबसे मजबूत पर एनामेल को नुकसान पहुंचाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस व्यक्ति के दांत सफेद और चमकदार होते हैं, असल में वह दांत बीमार होते हैं। उसे ठंडा और गर्म खाने में तकलीफ होगी। वह अपने दांतो से ना तो अखरोट तोड़ पाएगा और ना ही गन्ना।

पुराने जमाने में लोगों के दांत मजबूत क्यों होते थे

ईसा से लगभग 500 वर्ष पूर्व चीन तथा भारत जैसे देशों में लोग हड्डियों व सीपियों के चूरे को मिलाकर देसी नुस्खों से टूथपेस्ट तैयार करते थे। यह टूथपेस्ट दांतों को मजबूत बनाने के लिए तैयार किया जाता था। इसमें ऐसा कोई कैमिकल नहीं था जो दांतों की ब्लीचिंग करके उसे कमजोर बना दे। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,) 

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