सट्टा का रट्टा: 10 लाख रुपए जीते युवक ने सुसाइड कर लिया - MP NEWS

इंदौर
। सट्टे के रट्टे में उलझ गए एक युवक के सामने जब कोई रास्ता नहीं बचा तो उसने सुसाइड कर लिया। दरअसल, जब वह ₹500000 हारा तो सटोरियों ने उससे वसूली कर ली और जब वह ₹1000000 जीता तो उसे पेमेंट नहीं किया। मामला क्रिकेट के सट्टे का है। इंदौर में प्रतिदिन करीब ₹280000000 सट्टा क्रिकेट या दूसरे खेलों पर लगाया जाता है। 

मौत से पहले वीडियो बनाकर भाई को भेजा

मिली जानकारी अनुसार मामला देर रात लसुड़िया थाना क्षेत्र का है। 33 साल के सुनील कुशवाहा ने वृंदावन होटल के पास फांसी लगाकर जान दी है। मौत के पहले सुनील ने एक वीडियो बनाकर अपने भाई के मोबाइल पर भेजा था। वीडियो में उसने तीन लोगों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि इन लोगों से उसे सट्‌टे के 10 लाख रुपए लेने हैं। रुपए मांगने पर इन्होंने मारपीट कर धमकाया। इसी से दुखी होकर मैं जान दे रहा हूं। वीडियो देख परिजन और दोस्त युवक को खोजने निकले, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

चंदन, छोटू और निक्की तीनों मैच का सट्टा लगवाते हैं

दोस्त ने बताया कि मैच के 10 लाख रुपए लेने थे। मैच के दौरान 5 लाख रुपए हार जाने पर सुनील ने उन्हें पूरे पैसे दिए थे। जब 10 लाख रुपए जीते और जब रुपए देने की बात आई तो उन लोगों ने बावड़ी के इधर बुलाया और जमकर मारपीट की। इसके बाद भगा दिया। चंदन, छोटू और निक्की तीनों मैच का सट्टा लगवाते हैं। इसी मैच में सुनील ने सट्टा लगाया था। वीडियो उसने छोटे भाई को भेजा था। जब तक हमने उन्हें खोजा वे फांसी लगा चुके थे। सुनील का एक 7 साल का बच्चा भी है। पुलिस के अनुसार रात में युवक ने सुसाइड किया था। उसने टीन शेड के नीचे फांसी लगाकर जान दी है।

वीडियो में क्या बोल रहा है सुनील कुशवाहा

मैं सुनील कुशवाह अपने हाेश हवास में आज फांसी लगा रहा हूं। मैं चंदन महाराज, जिन्हें चंदन रघुवंशी बोलते हैं उनकी लाइन पर मैंने 10 लाख रुपए जमा किए थे। वे मुझे रुपए नहीं दे रहे हैं। उनकी लाइन में मैं पांच लाख रुपए हार गया हूं। जब मैंने 10 लाख रुपए मांगे तो उन्होंने मुझे बावड़ी मंदिर स्कीम नंबर 78 पर बुलाया। यहां पर निक्की ने मेरे साथ मारपीट की, जिसका नंबर मेरे मोबाइल पर सेव है। मुझे निक्की से छोटू खत्री ने मिलवाया था। 10 लाख रुपए नहीं देने और मारपीट करने के बाद मैं सुसाइड कर रहा हूं। मेरे परिवार को परेशान नहीं करते हुए मेरे रुपए घर वालों को पहुंचा दिए जाए।

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