MPPEB पॉलिटिकल टूल बनकर रह गया है, वोट के लिए अधिसूचना जारी करता है - MP NEWS

भोपाल
। सरकारी नौकरियों में से राजनीति का दखल बंद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू किया गया व्यवसायिक परीक्षा मंडल जिसे आप प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कहा जाता है, अपनी स्थापना के मूल उद्देश्य को भूल चुका है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल अब सत्तारूढ़ पार्टी के लिए एक टूल के रूप में काम कर रहा है। सत्तारूढ़ दल को वोट मिले इसलिए चुनाव से पहले भर्ती प्रक्रिया और रिक्त पदों की संख्या की सूचना जारी करता है। 

मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग के लिए 3 साल से चल रही है। इन दोनों विभागों के अंतर्गत 30,594 से अधिक उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षक के लिए मेरिट में आए उम्मीदवारों की नियुक्ति अटका कर रखी गई है।अब नई भर्तियों को लेकर युवाओं का गुस्सा शांत करने ने नया ट्रेंड अपनाया है। बेरोजगार जब सरकार से गुस्सा होते हैं तो प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड आधिकारिक घोषणा करके सरकार का विरोध शांत करने का काम करने लगता है।

आवेदन नहीं बुलाई सिर्फ संभावित रिक्त पदों की संख्या बताइ

इससे पहले पीईबी परीक्षाओं का शेड्यूल जारी करता था और सभी कार्रवाई होने के बाद रूलबुक जारी कर सीधे आवेदन बुलाता था लेकिन अब रूलबुक से पहले संभावित पदों की संख्या बताकर उन पर भर्ती कराने की सिर्फ सूचना निकाली जा रही हैं। ताकि युवाओं का गुस्सा शांत किया जा सके।

जूनियर सेल्समैन की भर्ती: 200000 उम्मीदवार

3629 पदों के लिए जूनियर सेल्समैन की भर्ती वर्ष सितंबर 2018 में निकाली गई। 20 मार्च 2020 को उम्मीदवारों का मेरिट के आधार पर चयन कर लिया गया। करीब 2 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। नियुक्ति के लिए सत्यापन नहीं किया जा रहा है।

राजस्व विभाग: 1000000 उम्मीदवार

वर्ष 2017 में 9235 पद के लिए पटवारी भर्ती निकली थी। इसमें 10 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे। पीईबी ने 26 मार्च 2018 को रिजल्ट घोषित किया। राजस्व विभाग ने राज्य स्तर पर 26 जून 2018 को पहली काउंसलिंग की। लेकिन सभी पद अभी तक नहीं भरा सके।

कौशल विकास विभाग: सत्यापन के बाद भी नियुक्ति नहीं कर रहे

मार्च 2018 में 1 ब्रांडिंग मैनेजर व 76 डिस्ट्रिक्ट फेसिलिटेटर पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला। भर्ती अटकी हुई है। जबकि अक्टूबर 2018 में साक्षात्कार हुए और फरवरी 2019 में सिलेक्शन लिस्ट (रिजल्ट) जारी हुई। मार्च 2019 में सत्यापन प्रक्रिया भी हो गई।

डॉक्टरों की कमी फिर भी भर्ती नहीं कर रहे

26 अगस्त 2019 को राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत आयुष मेडिकल ऑफिसर के 710 पदाें पर भर्ती निकाली। 19 नवंबर को परीक्षा हुई। 31 दिसंबर 2019 से 2 जनवरी 2020 तक रिजल्ट जारी किया। सीनियर टीबी लेबोरेटरी सुपरवाइजर (एसटीएलएस) लेबोरेटरी टेक्नीशियन (एलटी) के 590 पदों पर संविदा नियुक्ति अटकी हुई है। 2 नवंबर 2019 को परीक्षा के बाद 27 नवंबर को रिजल्ट आया। 

पुलिस भर्ती- गुस्सा शांत करने के लिए सिर्फ सूचना जारी की

4000 आरक्षक भर्ती करने के लिए पीईबी ने सूचना जारी कर दी गई। इसकी रूलबुक 25 नवंबर को जारी होगी। युवा सब इंस्पेक्टर की भर्ती का इंतजार कर रहे हैं।
250 पदों के लिए समूह-दो, उपसमूह-4 के तहत सहायक संपरीक्षक, कनिष्ठ सहायक, सहायक एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर व अन्य पदों पर भर्ती की पीईबी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। रूल बुक 25 नवंबर को जारी होगी।
किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के लिए 863 पदों भर्ती के लिए पीईबी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की। इसके अनुसार 5 नवंबर को रूल बुक जारी होगी। 10 नवंबर से आवेदन बुलाए जाएंगे। 

इनकी रूल बुक जारी, आवेदन भी बुलाए

टाफ स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन सहित 37 तरह के पदों पर होगी 2204 हेल्थ वर्कर की भर्ती के लिए 1 नवंबर तक आवेदन बुलाए हैं। परीक्षा की संभावित तारीख 16-27 दिसंबर तय की गई है।
समूह-तीन के अंतर्गत 52 पदों के लिए उपयंत्री परीक्षा के लिए 28 सितंबर तक आवेदन बुलाए। 18056 ने आवेदन किया। परीक्षा की संभावित तारीख 9-10 दिसंबर है।
जेल प्रहरी के 226 पद के लिए पीईबी ने 24 अगस्त तक आवेदन बुलाए। 

MPPEB फीस लेता है तो नियुक्ति भी दिलवाना चाहिए 

एक स्कूल जब स्टूडेंट का एडमिशन देता है, पढ़ाई कर आता है, फीस लेता है और परीक्षा आयोजित करता है तो रिजल्ट घोषित करना, और ऐसा सर्टिफिकेट देना जिससे स्टूडेंट अगली कक्षा में प्रवेश ले सके, स्कूल की जिम्मेदारी होती है। यदि वह सिर्फ परीक्षा आयोजित कराए, रिजल्ट घोषित करे और उसकी मार्कशीट के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश ना मिले तो स्कूल संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाता है। 

सामाजिक न्याय का सिद्धांत कहता है कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड बेरोजगारों को रिक्त पदों की सूचना देता है, आवेदन बुलाता है, परीक्षा लेता है और इस सब के लिए फीस लेता है तो फिर कमेंट वेरीफिकेशन और नियुक्ति भी उसकी जिम्मेदारी होनी चाहिए। यदि डिपार्टमेंट निर्धारित समय पर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन नहीं करता या फिर नियुक्ति पत्र देने में लापरवाही करता है तो अपने उम्मीदवारों के हित में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को डिपार्टमेंट से सवाल जवाब करने चाहिए।

कांग्रेस ने कहा था कर्मचारी चयन आयोग बनाएंगे, कमलनाथ ने कलम नहीं चलाई 

विधानसभा चुनाव 2018 के समय कांग्रेस ने कहा था कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड अपना मूल उद्देश्य खो चुका है इसलिए सरकारी सेवाओं में योग्य युवाओं को भर्ती करने के लिए कर्मचारी चयन आयोग बनाया जाएगा परंतु मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने इस दिशा में कलम नहीं चलाई। 14 महीने के कार्यकाल में उन्हें कई बार याद दिलाया गया परंतु वह हमेशा मामले को डालते रहे।

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