क्या आपने कभी सोचा है कि जिस प्रकार मनुष्य के शरीर में आवश्यक पदार्थों के संवहन (Transportation) के लिए रक्त (Blood) होता है जो एक तरल संयोजी ऊतक (liquid connective tissue) और धमनियों (Arteries) व शिराओं (Veins) से होकर बहता है। ठीक उसी प्रकार पौधों में भी आवश्यक पदार्थों के संवहन के लिए कुछ विशेष ऊतक पाए जाते हैं जिन्हें संवहनी ऊतक (conducting or Vascular tissue) कहा जाता है। इनका नाम जाइलम (Xylem) और फ्लोएम (Phloem) है।
जिनका मुख्य कार्य जल व जल में घुले खनिज लवणों को पौधों की पत्तियों तक पहुंचाना तथा पौधों की पत्तियों में बने हुए भोज्य पदार्थ को पौधों के प्रत्येक भाग तक पहुंचाना होता है। साथ ही यह पेड़ पौधों को यांत्रिक सहारा (mechanical support) भी प्रदान करते हैं।
xylem द्वारा रसारोहण (Ascent of sap) की प्रक्रिया द्वारा बहुत ऊंचाई वाले पेड़ों में (जैसे- रेडवुड, यूकेलिप्टस, पाइन) जल को ऊँचाई पहुंचाया जाता है। जो कि सिर्फ एकदिशीय यानी नीचे से ऊपर की ओर ओर ही होता है। जबकि phloem द्वारा होने वाला भोज्य पदार्थों का संवहन। (conduction of food material) सभी दिशाओं में होता है।
जाइलम तथा फ्लोएम द्वारा किए जाने वाले कार्यों को याद रखने की एक एक छोटी सी ट्रिक है
जाएलम(xylem) - जल का संवहन
फ्लोएम (Phloem) - फूड का संवहन