मप्र शिक्षक भर्ती: जीव विज्ञान का विभाजन क्या किसी घोटाले की साजिश है / Dear Chief Minister Sir

महोदय, हम प्रार्थीगण (जीव विज्ञान सह विषय) उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 में व्याख्याता पद हेतु भर्ती प्रक्रिया के प्रथम चरण (लिखित परीक्षा) में जीव विज्ञान विषय से परीक्षा में सम्मिलित हुए एवं प्रावधिक चयन सूची में चयनित भी है। भर्ती हेतु स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी राजपत्र 2018 तथा प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा जारी नोटिफिकेशन 2018 के अनुसार न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता बी.एड. तथा संबंधित विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि का उल्लेख है। जिसमें संबंधित विषय का कोई वर्णन नहीं है। किंतु 28 अगस्त 2018 की अधिसूचना में संबंधित विषय जीव विज्ञान (वनस्पति शास्त्र, प्राणी शास्त्र) उल्लेखित है। 

इस अधिसूचना के आधार पर हमें ज्ञात हुआ है कि इस भर्ती प्रक्रिया में जीव विज्ञान विषय के अंतर्गत आने वाले अन्य एलाइड विषयों (बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, लाइफ सांइस, बायोकेमिस्ट्री) को जीव विज्ञान के अंतर्गत सम्मिलित नहीं किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में हम जीव विज्ञान के अंतर्गत अन्य सह विषय के अभ्यर्थी दस्तावेज सत्यापन में अयोग्य हो सकते हैं जो कि न्यायोचित नहीं होगा। इस विषय के संदर्भ में कुछ प्रमुख बिंदु निम्नांकित है

1) मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा वर्ष 2017 में उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्देशानुसार वनस्पति शास्त्र तथा प्राणी शास्त्र के अंतर्गत माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, लाइफ साइंस, बायोकेमिस्ट्री आदि को सह विषय के रूप में मान्य किया गया है।

2) मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग अतिथि शिक्षक कार्य प्रणाली द्वारा अतिथि शिक्षको को अध्यापन कार्य हेतु समय-समय पर नियुक्त करता रहा है, जिसमें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया भी हुई है एवं जीव विज्ञान विषय अंतर्गत सह विषयो  (बायोटेक्नोलॉजी,माइक्रोबायोलॉजी, लाइफसांइस,बायोकेमिस्ट्री)में स्नातकोत्तर उपाधि वाले अभ्यार्थियों को, अतिथि शिक्षकों के रूप में अध्यापन कार्य हेतु रखा गया है, वर्तमान में उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए हैं।

3) विभिन्न राज्यों जैसे दिल्ली, बिहार, छत्तीसगढ़ आदि की पात्रता परीक्षा, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में अन्य संबंधित विषयों को शैक्षणिक योग्यता के रूप में स्वीकार किया जाता है। जबकि मध्य प्रदेश बोर्ड एवं उपरोक्त सभी बोर्ड का पाठ्यक्रम एक समान है। इस दृष्टिकोण से मध्यप्रदेश में शिक्षकों को नियुक्त करने की शैक्षणिक योग्यता भी उपरोक्त राज्यों एंव वोर्ड के समान ही होना चाहिए।

4) एनसीईआरटी के अंतर्गत अभी जो कोर्स मध्यप्रदेश में कक्षा 11वीं तथा 12वीं में संचालित हो रहे हैं उनका लगभग 80 प्रतिशत पाठ्यक्रम इन्हीं एलाइट विषयों पर आधारित है।

5) प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा मे न केवल मुख्य विषयो के प्रश्न पूछे गए थे वरन पाठ्यक्रम के अनुसार मिश्रित रूप में सभी सहविषयो के भी प्रश्न थे।

6) सन् 2011में व्यापम द्वारा आयोजित उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी बायोलॉजी विषय में सह बिषयों से स्नातकोत्तर उम्मीदवारों को भी पात्रता दी गयी थी। जो कि वर्तमान में विभिन्न स्थानों पर कार्यरत हैं और अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

7) मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रकाशित मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 30 जुलाई 2018 में भी शैक्षणिक अर्हताएं बिंदु के अंतर्गत यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि - "निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अधीन शिक्षकों के पदों के लिए निर्धारित शैक्षणिक एवं शिक्षक प्रशिक्षण योग्यता को छोड़कर आपवादिक मामलों में शासन ऐसे अभ्यर्थी को आर्ह मान सकेगा जो यद्यपि इन नियमों मेऔ विहित कोई अर्हता न रखता हो, किंतु जिसने अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित परीक्षाएं ऐसे स्तर से उत्तीर्ण की हो, जिसके कारण शासन अभ्यर्थी को चयन के योग्य समझती हो"।

8) पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भी 4 दिसंबर 2012  में इसी प्रकार के एक मामले में बायोलॉजी के सहबिषयो को बायोलॉजी के अंतर्गत मान्यता देने के लिए आदेशित किया है।

9) गुजरात हाईकोर्ट के भी इस विषय में स्पष्ट निर्देश हैं कि सह विषयों  के उम्मीदवार भी साइंस टीचर के लिए योग्य हैं।
10) अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा भी आज से 3 साल पहले ही राज्य पत्र प्रकाशित किया जा चुका है जिस में उल्लेख है कि " तकनीकी शिक्षा के विश्वविद्यालयों और संस्थाओं में इंटर डिसीप्लिनरी, संबंधित व उपयुक्त विषयों में डिग्री प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में अवसर देने होंगे ताकि तकनीकी संस्थानों में रिसर्च को बढ़ावा मिले और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके " । लेकिन तकनीकी विश्वविद्यालय और संस्थानों द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में इसका पालन नहीं कर पुरानी पद्धति से उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है।

11) त्रिपुरा शिक्षक भर्ती बोर्ड ने भी दिनांक 22/06/ 2017 को जारी पत्र क्रमांक 1415 में यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया है कि एमएससी प्लांट बायोलॉजी और बायो टेक्नोलॉजी पोस्टग्रेजुएट शिक्षक के लिए एमएससी बायोलॉजिकल साइंस के समकक्ष हैं।

अतः महोदय से विषयांतर्गत निवेदन है कि अधिसूचना में प्रकाशित " सम्बंधित विषयों " शब्द के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए, उच्च शिक्षा विभाग, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय एवं अन्य राज्यों की तरह, मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा में भी सभी एलाइड विषयों को जीव विज्ञान के अंतर्गत सम्मिलित किया जाए। ताकि इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुए सैकड़ों बेरोजगार उम्मीदवारों के भविष्य को सही दिशा मिल सके।
धन्यवाद
समस्त उत्तीर्ण अभ्यर्थी
एलाइड समूह (जीव विज्ञान)
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