सावन का तीसरा सोमवार 20 जुलाई के दुर्लभ संयोग, खास बातें और विशेष पूजा विधि / SHIV KA SAWAN

Bhopal Samachar
20 जुलाई को सावन मास का तीसरा सोमवार है। इस दिन विशेष संयोग का सृजन हो रहा है, जो शास्त्रों के अनुसार अतिशुभ माने जाते हैं। महादेव की आराधना इस दिन करने से मुश्किलों से छुटकारा मिलने के साथ मनोकामनाएं पूर्ण होती है। आइए जानते हैं सावन के तीसरे सोमवार को बनने वाले कुछ विशेष संयोग के बारे में।

सोमवती अमावस्या: पुण्यदायी संयोग

सोमवार को अमावस्या तिथि है। सावन में सोमवार और अमावस्या तिथि के योग से पुण्यदायी संयोग बन रहा है। इस दिन शिव के साथ पितृों का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। इसलिए शिवपूजा के साथ इस दिन पितृकर्म करने का भी बड़ा महत्व है। इस दिन की अमावस्या को 'हरियाली' और 'सोमवती अमावस्या ' भी कहते हैं।

सोमवार को हस्त नक्षत्र: ज्ञान, विवेक और सौंदर्य के लिए


सावन का तीसरा सोमवार हस्त नक्षत्र में आ रहा है। सताईस नक्षत्रों में से हस्त नक्षत्र का 13वां स्थान है। इस नक्षत्र को चंद्रमा के अधीन माना गया है। ज्योतिष में हस्त नक्षत्र की राशि कन्या मानी जाती है और यह मानव के मन का स्वामी है। इस नक्षत्र के स्वामी बुध है चंद्रमा महादेव की जटाओं में विराजमान रहते हैं। इसलिए इस दिन बनने वाला यह संयोग काफी शुभ और मंगलकारी है। ज्ञान, विवेक और सौंदर्य के लिए यह नक्षत्र काफी महत्वपूर्ण होता है।

तीसरा सोमवार: दाम्पत्य सुख के बने हैं योग

सावन के तीसरे सोमवार को अविवाहितों और विवाहितों दोनों के बेहतर भविष्य के सपने पूरे होंगे। इस दिन भोलेनाथ की आराधना करने से विवाहितों का दाम्पत्य जीवन सुखी होता है और अविवाहितों को बेहतर जीवनसाथी मिलता है। इसलिए इस दिन भगवान शिव का विधि-विधान से पूजन करना चाहिए।

तीसरा सोमवार क्या करें: दुग्धाभिषेक करें, चंदन का लेप लगाएं

कचना रोड स्थित सुरेश्वर महादेव पीठ के संस्थापक स्वामी राजेश्वरानंद सरस्वती के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार को शिवलिंग पर दूध से अभिषेक करना और शिव महामंत्र का उच्चरण करके चंदन का लेप लगाने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होने की मान्यता है।

सावन में सोमवती अमावस्या पर क्या करें


सावन में पड़ रही सोमवती अमावस्या पर भगवान भोलेनाथ के साथ ही पितृ पूजा करने से पितृ दोष दूर होने की मान्यता है। जाने-अनजाने में जो गलती हो, उसके लिए पितरों से क्षमा मांगनी चाहिए। साथ ही सूर्यदेव को जल अर्पण करके तुलसी पौधे की 108 परिक्रमा करनी चाहिए।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!