विश्व का पहला शिवलिंग कहां स्थापित किया गया, आइए पता लगाते हैं / 1st SHIVLING OF THE WORLD

भारत का लगभग हर नागरिक शिव का भक्त होता है। शिवलिंग का अभिषेक करते समय श्रद्धा भाव के साथ जो आनंद प्राप्त होता है, निश्चित रूप से वह किसी अन्य प्रक्रिया में प्राप्त नहीं होता। यहां प्रश्न यह है कि विश्व का पहला शिवलिंग कहां है। क्या इसे प्रमाणित किया जा सकता है। विश्व में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग है। यह सभी द्वादश ज्योतिर्लिंग कब अस्तित्व में आए कोई नहीं जानता। हिंदू धर्म ग्रंथों में जो कथाएं हैं उनमें केवल मनुष्य द्वारा सबसे पहले दर्शन किए जाने का वर्णन है। प्रश्न यह है कि विश्व का वह पहला शिवलिंग कहां है जिसे स्थापित किया गया था।

तमिलनाडु में अरुणाचल पर्वत पर माता पार्वती ने स्थापित किया था विश्व का पहला शिवलिंग 


दक्षिण भारत के ग्रंथों में उल्लेख है कि अरुणाचल पर्वत पर विश्व का पहला शिवलिंग स्थापित हुआ। यह पर्वत तमिलनाडु राज्य में स्थित है। कथाओं के अनुसार माता पार्वती द्वारा हंसी ठिठोली के दौरान भगवान शिव की आंखें बंद कर दिए जाने से पृथ्वी पर अंधकार छा गया। तब माता पार्वती एवं देवताओं ने सभी आठों दिशाओं में अंधकार के निवारण के लिए अरुणाचल पर्वत पर तपस्या करके 8 शिवलिंग स्थापित किए गए। इन्हें अरुणाचलेश्वर मंदिर (अन्नामलाईयार मंदिर) कहा जाता है। इन 8 शिवलिंग से सभी दिशाओं में प्रकाश उत्पन्न हुआ इसलिए इन्हें ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है। नवंबर दिसंबर के बीच यहां कार्तिगई दीपम नामक एक त्यौहार मनाया जाता है। इसे दक्षिण भारत की दिवाली कहते हैं। इस दिन लाखों श्रद्धालु अरुणाचल पर्वत पर घी का दीपक प्रज्वलित करते हैं।

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जागेश्वर धाम को विश्व का पहला शिवलिंग कहते हैं 



उत्तराखंड के लोग अल्मोड़ा में स्थित जागेश्वर धाम में स्थापित शिवलिंग को विश्व का पहला शिवलिंग बताते हैं। जागेश्वर धाम के सेवक इसे ज्योतिर्लिंग एवं स्वयंभू शिवलिंग बताते हैं। जागेश्वर धाम में लगभग 250 मंदिर हैं जिनमें से एक ही स्थान पर छोटे-बड़े 224 मंदिर स्थित हैं। सभी मंदिर का निर्माण बड़ी-बड़ी शिलाओं को एक के ऊपर एक रखकर किया गया है। मुख्य मंदिर में विशाल शिवलिंग स्थापित है। इसकी दीवारों पर महामृत्युंजय मंत्र लिखा हुआ है। मंदिर परिसर में देवदार का वृक्ष है जो नीचे से एक ही है लेकिन ऊपर जाकर दो भागों में विभाजित हो जाता है। इस वृक्ष को माता पार्वती और भगवान शिव का युगल रूप प्रतीक माना जाता है। 

रामेश्वरम: भगवान श्री राम द्वारा 5000 साल पहले स्थापित किया गया शिवलिंग 



इतिहास और विज्ञान द्वारा प्रमाणित विश्व का पहला शिवलिंग दक्षिण भारत के श्री रामेश्वरम में मिलता है। भगवान श्रीराम ने इस शिवलिंग को स्थापित किया था। शिवलिंग की स्थापना को 5000 वर्ष से अधिक बीत चुका है। यहां पर वह शिवलिंग भी स्थापित है जो भगवान शिव ने स्वयं अपने हाथों से श्री राम भक्त हनुमान को दिया था। रामेश्वरम के प्राचीन एवं पवित्र मंदिर में प्रातकाल सबसे पहले उसी शिवलिंग के दर्शन होते हैं एवं उसके बाद दिल के शेष 7 प्रहर में भगवान श्री राम द्वारा स्थापित किए गए शिवलिंग के दर्शन होते हैं।

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