MPPSC घोटाला: मैनेजमेंट की परीक्षा पास की, पोस्टिंग कॉमर्स में

भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग भोपाल का एक आदेश जो 16 मार्च 2020 को जारी हुआ, अब जनचर्चा का विषय बना हुआ है। इस आदेश के अनुसार उच्च शिक्षा ने सिर्फ वस्तुनिष्ठ आधारित सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2017 के वाणिज्य विषय के 26 उम्मीदवारों की सूची जारी कर, अब पदस्थापना दी, रिजल्ट आने के बाद, अंतराल से उच्च शिक्षा विभाग, पदस्थापना देता जा रहा है।

उच्च शिक्षा विभाग इस परीक्षा को लेकर विशेष रूप से दयालु रहा, उसने पहले ऑनलाइन आवेदन को ठीक करने का मौका दिया, फिर दस्तावेज सुधारने के मौके दिए, फिर जॉइनिंग की समय सीमा बढ़ाई। अब वाणिज्य विषय की इस सूची के अधिकांश उम्मीदवारो ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) मैनेजमेंट से पास की पर चयनित कॉमर्स में हुए। जबकि यूजीसी के नेट के विज्ञापन का अवलोकन करने पर यह तथ्य सामने आया कि कॉमर्स का आवेदन करने के लिये अलग कोड नंबर है और मैनेजमेंट में नेट देने के लिये अलग कोड नम्बर दर्ज है।

वहीं सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 के विज्ञापन में लिखा है,कि वाणिज्य विषय मे चयन के लिये वाणिज्य से ही नेट होना चाहिए, परन्तु उक्त सूची के अधिकांश उम्मीदवारों ने मैनेजमेंट से परीक्षा पास की, जिनमें,
मीनल गट्टानी,नेट- मैनेजमेंट(2016),
वरुण पंडोले,नेट- मैनेजमेंट(2017),
स्मिता गिरगुने,नेट- मैनेजमेंट(2013),
सोनू चढ़ार,नेट- मैनेजमेंट(2012),
धर्मेंद्र किरार, नेट- मैनेजमेंट(2016),
प्रीति मेश्राम,नेट- मैनेजमेंट(2017),
सचिन नागले,नेट- मैनेजमेंट(2013),
पारिजात तिवारी,नेट-मैनेजमेंट(2013),
चंद्रवती निराला,नेट-मैनेजमेंट(2014)

आश्चर्य की बात तो यह है, कि उच्च शिक्षा विभाग ने इस सूची के अधिकांश उम्मीदवारों के नाम पहले इसलिये प्रकाशित किये थे कि उनके आवेदनों में कमी के बिंदु पाए गए थे,पर बाद में उम्मीदवारों ने इसे कब ठीक किया, यह उच्च शिक्षा विभाग ने नही बताया,और पदस्थापना प्रदान कर दी।

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