कमलनाथ ने विधायकों को गंभीरता से नहीं लिया क्या इसलिए हुई सारी गड़बड़ | MP NEWS

भोपाल। मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात जो कुछ भी हुआ क्या उसके पीछे एक बड़ा कारण मुख्यमंत्री कमलनाथ का व्यवहार है। विधायकों ने सीएम कमलनाथ को बताया था कि उनके पास भाजपा का ऑफर आ रहा है परंतु कमलनाथ ने सार्वजनिक बयान दिया कि यदि फोकट का पैसा मिल रहा है ले लेना। क्या उनके इसी बयान के बाद विधायकों ने दिल्ली जाने का मन बनाया। 

क्या कमलनाथ का एटीट्यूड डोमिनेटिंग है 

मुख्यमंत्री कमलनाथ पर आरोप लगते हैं कि उनका एटीट्यूट डोमिनेटिंग है। कमलनाथ किसी भी प्रकार का दबाव स्वीकार नहीं करते। चर्चा या सूचनाओं में यदि कोई ऐसा शब्द हो जो दवा बनाने वाला लगे तो भले ही सब्जेक्ट कुछ भी हो, कमलनाथ का एटीट्यूट एक जैसा होता है। ब्यूरोक्रेट्स को शतरंज की गोटियां की तरह पिछले 1 साल से बदला जा रहा है। कमलनाथ के दरबार में न्याय की बात नहीं होती बल्कि विषय का प्रस्तुतीकरण कैसा है इस पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। कमलनाथ को नजदीक से जानने वाले लोग कहते हैं कि कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया का व्यवहार लगभग एक जैसा है। दोनों अपने सामने लोगों को हाथ बांधे हुए खड़े देखना चाहते हैं।

कमलनाथ ने कहा था फोकट में मिल रहे हैं तो ले लो, इसलिए विधायक भी चले गए

ज्योतिरादित्य सिंधिया कई बार अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं जो चर्चाओं में रही परंतु कई विधायक भी अपनी निराशा प्रकट कर चुके हैं, जो ज्यादा सुर्खियां नहीं बटोर पाई। कुछ विधायकों ने ईमानदारी के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ तक सूचना पहुंचाई कि सरकार को संकट में डालने की कोशिश की जा रही है। विधायकों ने स्पष्ट रूप से बताया कि भाजपा की तरफ से ऑफर मिल रहा है। खुद दिग्विजय सिंह ने भी इसका खुलासा किया लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने बेफिक्री के साथ जवाब दिया था ' मैं तो विधायकों से कह रहा हूं फोकट का पैसा मिल रहा है ले लेना।' क्या यह मान लिया जाए कि कमलनाथ विधायकों की बात पर विश्वास करने के लिए तैयार नहीं थे उन्हें लग रहा था कि विधायकों ने ब्लैकमेल करने के लिए झूठ बोल रहे हैं। कहीं बीती रात जो कुछ भी हुआ वह कमलनाथ के इसी बयान का परिणाम तो नहीं था।

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