इंदौर। मानव संसाधन व विकास मंत्रालय के मैसिव ऑनलाइन ओपन कोर्स प्रोजेक्ट के तहत देवी अहिल्या विश्वविद्यालय शार्ट टर्म कोर्स ऑफर करने में लगा है। अब अगले सत्र यानी जुलाई से पांच नए ऑनलाइन कोर्स शुरू होंगे। इनमें डिजिटल मार्केटिंग, एन्वायर्नमेंट स्टडी, फाइनेंशियल अकाउंटिंग, फोटोग्राफी (दूसरा चरण) और रिटेल मार्केटिंग शामिल हैं। बीते दो साल में विश्वविद्यालय से चलने वाले ऑनलाइन कोर्स की संख्या 22 पहुंच चुकी है। खास यह है कि इन्हें पढ़ने के लिए देशभर से करीब एक लाख विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। कोर्स का ई-कंटेंट बनाने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के ईएमआरसी ने संभाल रखी है। 2017-18 में विश्वविद्यालय ने 15 ऑनलाइन कोर्स शुरू किए थे, जिनमें 21 हजार छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।
सत्र 2018-19 और 2019-20 में 20 कोर्स डिजाइन किए गए। इन्हें पारंपरिक और प्रोफेशनल कोर्स से जोड़कर बनाया जा रहा है। कोर्स में कॉन्ट्रैक्चुअल लॉ, साइबर लॉ, म्यूजिक, माइक्रो इकोनॉमिक्स शामिल हैं। 2018 में शुरू हुए माइक्रो इकोनॉमिक्स में आईआईएम के वरिष्ठ प्रोफेसर की मदद ली गई, जिसमें ई-कंटेंट, ऑडियो-विजुअल और डॉक्यूमेंट्री बनाई गई, जबकि 2019-20 में कुछ पुराने कोर्स बंद किए गए। इंडस्ट्री की डिमांड को देखते हुए फोटोग्रॉफी (लेवल 1), रिटेल मार्केटिंग, एडवरटाइजिंग, कंप्यूटर लर्निंग जैसे कोर्स रखे गए। कुछ कोर्स में विद्यार्थियों का रुझान अच्छा देखने को मिला।
2020-21 के लिए दस कोर्स डिजाइन होंगे, जिसमें पांच कोर्स का सिलेबस बनाया जा चुका है। ये जुलाई से नवंबर के बीच संचालित होंगे। डिजिटल मार्केटिंग, एन्वायर्नमेंट स्टडी, फाइनेंशियल अकाउंटिंग, साइबर सिक्यूरिटी और फॉरेसिंक, फॉटोग्राफी (लेवल 2) प्रमुख हैं। ये कोर्स विद्यार्थियों की डिमांड के बाद बनाए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक पांच कोर्स में लगभग 20 हजार नए रजिस्ट्रेशन होने की उम्मीद है।
ऑनलाइन कोर्स करने के बाद विद्यार्थी इसकी परीक्षा दे सकते हैं। परीक्षा के लिए नाममात्र की फीस रखी है। एक हजार रुपए जमा करने के बाद विद्यार्थियों की ऑनलाइन परीक्षा होती है। यह जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के पास ही है। परीक्षा के दस दिन बाद सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं जिसका फायदा विद्यार्थी अपनी मूल डिग्री में ले सकते हैं।