प्राइवेट कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना ला रही है नरेंद्र मोदी सरकार | PRIVET EMPLOYEE PENSION SCHEME

नई दिल्ली। प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज़ आ सकती है। सरकार प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना की प्लानिंग कर रही है। नाम और फीचर्स अभी फाइनल नहीं किए गए हैं लेकिन सरकार चाहती है कि भारत के हर प्राइवेट कर्मचारी को पेंशन योजना का लाभ मिले। 

वित्‍त सचिव राजीव कुमार ने एक बातचीत में बताया कि इस पेंशन स्‍कीम के लिए बकायदा एक व्‍यवस्‍था बनाई जा रही है। इसमें कम से कम 100 रुपए की कटौती की जा सकेगी। साथ ही कंपनी की तरफ से भी इतनी ही राशि का योगदान दिया जा सकेगा। अभी इसके नियम व शर्तें तय नहीं हुए हैं परंतु माना जा रहा है कि प्रोविडेंट फंड की तरह इस योजना में जितना पैसा कर्मचारी का निवेश होगा उतना ही पैसा नियोक्ता कंपनी को भी जमा कराना पड़ेगा। इस तरह कर्मचारी के खाते में पैसा जमा होते ही डबल हो जाएगा और उस पर सरकार की तरफ से ब्याज मिलेगा। कर्मचारी की आयु 60 वर्ष हो जाने के बाद उसकी पेंशन शुरू हो जाएगी। यह उसके जीवन पर्यंत चलती रहेगी।

अभी एम्पलाई पेंशन स्कीम जारी है परंतु यह अप्रत्यक्ष निवेश है 

प्राइवेट कर्मचारियों के लिए वर्तमान में भी एम्पलाई पेंशन स्कीम जारी है। यह स्कीम प्रोविडेंट फंड के साथ अटैच है। कर्मचारी भविष्य निधि में एंप्लोई की बेसिक सैलरी का 12% जमा होता है। इतना ही पैसा कंपनी की तरफ से भी जमा किया जाता है। एंपलाई का 12% प्रोविडेंट फंड अकाउंट में जमा हो जाता है जबकि कंपनी के 12% में से 3.67% एंप्लॉय प्रोविडेंट फंड अकाउंट में और शेष 8.33% एम्पलाई पेंशन स्कीम में जमा होता है। इस तरह कर्मचारी का एक पेंशन अकाउंट बन जाता है परंतु इसमें निवेश कम होने के कारण पेंशन भी बहुत कम बनती है।

नए बजट में आया है प्रस्ताव

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) को मजबूत करने के लिए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में मौजूदा PFRDA अधिनियम में कुछ संशोधन लाने का प्रस्ताव किया है। उन्‍होंने कर्मचारियों को छूट देकर पेंशन ट्रस्ट स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा। बीते शनिवार को केंद्रीय बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, "पीएफआरडीए की नियामक भूमिका को मजबूत करने की आवश्यकता है। 

पीएफआरडीए कानून में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस ट्रस्ट को पीएफआरडीए से अलग कर दिया जाएगा।" उसने यह भी कहा कि इससे न केवल सरकारी कर्मचारी बल्कि अन्य क्षेत्रों के कर्मचारी भी पेंशन ट्रस्ट स्थापित कर सकते हैं। "मुझे विश्वास है कि यह नागरिकों को वृद्धावस्‍था की योजना बनाने के लिए प्रेरित करेगा।"

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