इंदौर। इंदौर शहर की सबसे इंपॉर्टेंट सड़कों में से एक एमजी रोड का चौड़ीकरण शुरू हो गया है। सड़क को 60 फीट चौड़ा करने के लिए सेंटर लाइन डालने के बाद और रेड मार्किंग शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि रंग पंचमी के बाद तोड़फोड़ का काम शुरू कर दिया जाएगा। ठेकेदार को सड़क बनाकर तैयार करने के लिए 75 दिन का समय दिया गया है।
एमजी रोड़ के बड़ा गणपति से लेकर कृष्णपुरा छत्री तक के हिस्से को चौड़ा करने के लिए इंदौर नगर निगम द्वारा लाल निशान लगाने का काम प्रारंभ किया गया है। गुरुवार को खजूरी बाजार में निशान लगाए गए। बड़ा गणपति से गोराकुंड चौराहे तक भी निशान लगा दिए गए है। सेंट्रल लाइन के हिसाब से सड़क के दोनों तरफ 30-30 फीट के निशान लगाए जा रहे है।
75 दिन में एमजी रोड का चौड़ीकरण पूरा हो जाएगा
बड़ा गणपति से कृष्णपुरा छत्री तक की इस सड़क को बनाने के लिए नगर निगम ने समयसीमा तय कर दी है। निगम अधिकारियों के अनुसार तोड़फोड़ के बाद जिस दिन से सड़क ठेकेदार को सौंपी जाएगी उसके 75 दिनों में ठेकेदार को सड़क निर्माण का काम पूरा करना होगा। इससे पहले निगम ने जयरामपुर कॉलोनी से लेकर गोराकुंड तक की सड़क के निर्माण के लिए 100 दिन की समय सीमा तय की थी लेकिन इस समय सीमा में निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका था। जयरामपुर कॉलोनी से लेकर गोराकुंड तक सड़क निर्माण का कार्य अभी भी काफी बचा हुआ है।
रंग पंचमी के बाद शुरू होगी तोड़फोड़
लाल निशान लगाने के बाद यहां तोड़फोड़ की कार्रवाई रंगपंचमी त्योहार के बाद प्रारंभ होने की संभावना है। इसका कारण यह है कि रंगपंचमी पर इस क्षेत्र से गेर निकलती है। इस गेर को विश्व धरोहर की सूची में शामिल कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिए गेर में 1500 से अधिक विदेशी मेहमानों को बुलाए जाने का प्रयास प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। विदेशी मेहमानों को रंग-बिरंगी गेर मकानों की छतों से दिखाई जाएगी ऐसे में यदि यहां तोड़फोड़ प्रारंभ कर दी गई तो विदेशी मेहमानों को गेर दिखाने में परेशानी आएगी। इसके चलते तोड़फोड़ रंगपंचमी के बाद ही हो सकेगी।
लोगों को FAR का दोगुना TDR सर्टिफिकेट मिलेगा
अधिकारियों ने बताया जिसका भी जितना निर्माण टूटेगा उसे दोगुना एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) का टीडीआर (ट्रांसफर ऑफ डेवलपमेंट राइट) सर्टिफिकेट मिलेगा। उदाहरण के बतौर अगर किसी का 200 वर्गफीट निर्माण टूटा है तो उसे 600 वर्गफीट का एफएआर मिलेगा। इससे वह स्वीकृत निर्माण से दोगुना निर्माण कर सकेगा। टीडीआर से वह यह एफएआर किसी और को भी बेच सकेगा। इसके लिए निगम द्वारा रिसिविंग जोन बनाए गए हैं। मतलब यह कि अगर किसी को दोगुना निर्माण नहीं करना है तो वह अपने एफएआर का वर्गफीट किसी और व्यक्ति को बेचकर आमदनी कर सकेगा।