नई दिल्ली। चीन से दुनिया के 24 देशों में फैल चुके जानलेवा कोरोना वायरस से बचाव के लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेदिक उपाय जारी किए हैं। आयुष मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली अनुसंधान परिषदों का दावा है कि यदि कोई व्यक्ति पहले से बचाव के उपाय करें तो वह खुराना वायरस के हमले से खुद को सुरक्षित रख सकता है।
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए आयुर्वेदिक तरीके
व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।
साबुन और पानी से अपने हाथों को कम से कम 20 सेकैंड तक धोएं।
कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को अक्सर साबुन और पानी से धोएं।
शदांग पनिया (मुस्ता, परपाट, उशीर, चंदन, उडिच्य़ा और नागर) प्रसंस्कृत पानी (1 लीटर पानी में 10 ग्राम पाउडर डाल कर उबालें, जब तक यह आधा तक कम न हो जाए) पी लें। इसे एक बोतल में स्टोर करें और प्यास लगने पर पिएं।
बिना धोए हाथों से अपनी आँखें, नाक और मुँह छूने से बचें।
जो लोग बीमार हैं उनसे निकट संपर्क से बचें।
बीमार होने पर घर पर रहें।
खांसी या छींक के दौरान अपना चेहरा ढंक लें और खांसने या छींकने के बाद अपने हाथों को धो लें।
अक्सर छुई गए वस्तुओं और सतहों को साफ करें।
संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यात्रा करते समय या काम करते समय एक एन95 मास्क का उपयोग करें।
यदि आपको कोरोना वायरल संक्रमण का संदेह है, तो मास्क पहनें और तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें।
आयुर्वेदिक प्रथाओं के अनुसार रोगनिरोधी उपाय / इम्यूनोमॉड्यूलेटरी ड्रग्स।
स्वस्थ आहार और जीवन शैली के माध्यम से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए उपाय किए जाएंगे।
अगस्त्य हरितकी 5 ग्राम, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ।
शेषमणि वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार।
त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) पाउडर 5 ग्राम और तुलसी 3-5 पत्तियां (1-लीटर पानी में उबालें, जब तक यह ½ लीटर तक कम नहीं हो जाता है और इसे एक बोतल में रख लें) इसे आवश्यकतानुसार और जब चाहे तब घूंट में लेते रहें।
प्रतिमार्स नास्य : प्रत्येक नथुने में प्रतिदिन सुबह अनु तेल / तिल के तेल की दो बूंदें डालें।