भोपाल का आसाराम आश्रम खाली कराने के आदेश, लीज निरस्त | BHOPAL NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित आसाराम आश्रम को खाली कराने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने आसाराम आश्रम की लीज निरस्त कर दी है। आरोप है कि स्कूल एवं कॉलेज के संचालन के लिए आसाराम आश्रम योग वेदांत समिति ने सरकार से जमीन लीज पर ली थी लेकिन जमीन पर स्कूल कॉलेज नहीं खोले बल्कि मंदिर, गौशाला और भूसे का भंडार बना दिया। इतना ही नहीं आसाराम आश्रम ने सरकारी जमीन पर भी अतिक्रमण कर लिया। 

एसडीएम बैरागढ़ मनोज उपाध्याय ने अपने रिपोर्ट में बताया था कि आवेदक शैलेष प्रधान ने शिकायत दर्ज कराई थी कि ग्राम गोंदरमऊ में प्राथमिक, माध्यमिक व महाविद्यालय खोलने के लिए आश्रम को लीज दी थी। इसके विरुद्ध आश्रम में मंदिर, गौशाला व भूसा कक्ष आदि बना रखा था। वहीं आसाराम आश्रम को 12 एकड़ जमीन दी गई थी जबकि 28 एकड़ में कब्जा किया हुआ है।

आसाराम आश्रम के लिए लीज की शर्तें क्या थी

आसाराम आश्रम योग वेदांत समिति गांधीनगर को वर्ष 2000 और 2005 में भोपाल के ग्राम गोंदरमऊ में अलग-अलग 4.04 एकड़ जमीन एक रुपए प्रतिवर्ष के प्रीमियम पर पट्टे पर दी गई थी। जमीन का उपयोग स्कूल और कॉलेज चलाने के लिए किया जाना था। हालांकि लीज की शर्त उल्लंघन के मामले में तत्कालीन एडीएम, एसडीएम व तहसीलदार आश्रम की लीज निरस्त करने के प्रस्ताव कलेक्टर को भेज चुके थे। कलेक्टर के हस्ताक्षर होने से पहले ही आश्रम के संचालकों ने अपील करते हुए मामले में दोबारा सुनवाई की अपील की थी। इसके चलते यह प्रकरण कलेक्टर कोर्ट में लंबित था।

12 फीट की हवाई पट्टी पर भी आसाराम का कब्जा था

आश्रम के बीच में पुरानी हवाई पट्टी जिसकी चौड़ाई 12 फीट है, उस पर भी आश्रम संचालकों का कब्जा है। नाला और उससे आसपास की जमीन पर आश्रम के सेवादारों ने अपने अधिग्रहण में कर रखी है। आश्रम में कुल 12 एकड़ जमीन है, जबकि पूरा आश्रम 28 एकड़ क्षेत्र में बना हुआ है।

यह हो रहा उल्लंघन
- समिति ने लीज की जमीन पर शिव मंदिर, गौशाला, भूसाकक्ष बना रखा है।
- भूमि के कुछ क्षेत्र में चरी (वर्शिम) बोई गई है, यानि कुछ जमीन पर खेती चल रही है।
- आश्रम संचालक, गाय का तबेला संचालित कर दूध, दही मक्खन और पनीर बनाकर मार्केट में बेच रहा है।

शासन ने गलती की है हम हाईकोर्ट जाएंगे: आसाराम आश्रम

शासन ने लीज की शर्तों पर गलती से गुरुकुल का संचालन लिख दिया था। इस तरह लीज देते समय गलत आदेश जारी होने से यह स्थिति बनी है। कलेक्टर कोर्ट के आदेश के खिलाफ हम हाईकोर्ट जाएंगे।
राजेश शर्मा, लीगल एडवाईजर, आसाराम आश्रम

आश्रम के पीछे की तरफ करीब 11 किसानों की जमीन है। आश्रम की लीज निरस्त होने से इन किसानों को राहत मिलेगी और उनके लिए रास्ता तैयार हो जाएगा। माफिया पर कार्रवाई के चलते प्रदेश सरकार का यह अच्छा निर्णय है।
शैलेष प्रधान, शिकायकर्ता
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