भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सरकारी नौकरी के लिए पहले से ही करीब 20,000 लोग अलग-अलग संगठनों के बैनर तले विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अब इस लिस्ट में मध्य प्रदेश के होमगार्ड भी शामिल हो गए हैं। प्रदेशभर के होमगार्ड जवानों ने आज भोपाल में जबरदस्त प्रदर्शन किया। सभी कमलनाथ सरकार की नई नीति से नाराज हैं। प्रदर्शनकारी होमगार्ड चाहते हैं कि उन्हें मध्यप्रदेश शासन का परमानेंट कर्मचारी बनाया जाए। प्रदर्शनकारी एमपी होमगार्ड सैनिक नियम 2016 निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।
1 फरवरी से होमगार्ड सैनिकों को साल में सिर्फ 10 महीने काम मिलेगा
भोपाल में सैकड़ों होमगार्ड्स ने धरना देकर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार 1 फरवरी से एक नया आदेश लागू करने जा रही है। इसमें होमगार्ड्स को सिर्फ 10 महीने काम मिलेगा और 2 महीने घर बैठना होगा। होमगार्ड के जवान सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। वो सालभर नियमित नौकरी और पुलिस की तरह तनख्वाह की मांग कर रहे हैं। इनका आरोप है कि विभाग उनके साथ भेदभाव कर रहा है। अधिकारी भी यही काम करते हैं लेकिन उन्हे तमाम सुविधाएं दी जाती हैं, लेकिन होमगार्डों को राज्य कर्मचारी का दर्जा तक सही तरीके से नहीं दिया जाता सुविधाएं तो दूर की बात है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं तो उनका आंदोलन भूख हड़ताल तक जाएगा।
ये हैं मुख्य मांग | Protest by Home guard against Kamal Nath government at Bhopal
1.होमगार्डों को नियमित कर राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
2.रोटेशन प्रणाली समाप्त की जाए।
3.एमपी होमगार्ड सैनिक नियम 2016 निरस्त किया जाए।
4.मेडिकल फिटनेस टेस्ट के खिलाफ हैं होमगार्ड।
होमगार्ड के गुस्से से जनता को बचाने ट्रैफिक रूट डायवर्ट किया
यूं तो आमतौर पर ये देखने को मिलता है कि पुलिस बल होमगार्ड्स की मदद लेकर हंगामा कर रहे लोगों को रोकती है लेकिन सोमवार को इसके उलट दृश्य था। होमगार्ड मुख्यालय पर पुलिस की पैनी नज़र थी। जवानों का हंगामा बढ़ता देख मंत्रालय से पुलिस कंट्रोल रूम की ओर आने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग कर रास्ते बंद कर दिए गए थे। आम जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक रूट भी डायवर्ट कर दिया गया। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती के साथ पुलिस कंट्रोल व्हीकल भी लगाया गया था।