गुजरात के दंगाइयों को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में आध्यात्मिक सेवा के लिए भेजा | MP NEWS

नई दिल्ली। गुजरात के दंगों में हाई कोर्ट द्वारा दोषी घोषित किए गए 17 लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में आध्यात्मिक सेवा के लिए भेजा है। दोषियों ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सभी को इस शर्त पर जमानत दी गई है कि वह मध्यप्रदेश में जाकर आध्यात्मिक सेवा करेंगे। दोषियों पर 33 लोगों को जिंदा जलाने का आरोप है।

इंदौर और जबलपुर में रहेंगे दंगों के दोषी 

सुप्रीम कोर्ट ने सभी 17 दोषियों को दो समूहों में बांटा है। एक समूह इंदौर और दूसरा जबलपुर जाएगा। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने यह आदेश सुनाया है। सभी लोग गुजरात के सरदारपुर गांव में दंगों के दौरान 33 लोगों को जिंदा जलाने के आरोप में दोषी पाए गए थे।

जमानत धारियों के लिए हाईकोर्ट की शर्तें

  • सभी दोषियों को हफ्ते में 6 घंटे समाजसेवा करनी होगी।
  • स्थानीय पुलिस स्टेशन में हर हफ्ते जमानत शर्तों के अनुसार हाजिरी लगानी होगी।
  • इंदौर और जबलपुर में जिला विधिक सेवा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि दोषी समाज सेवा और आध्यात्मिक कार्यों में शामिल रहें।
  • अधिकारी दोषियों को आजीविका के लिए रोजगार खोजने में मदद करें।
  • मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा अधिकारी 3 महीने के बाद रिपोर्ट दें कि दोषियों ने शर्तों का पालन किया है या नहीं।


33 लोगों को जिंदा जलाने के आरोपी, हाई कोर्ट ने सजा सुनाई थी

जिन दोषियों को सरदारपुरा दंगा मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की थी। 2016 में गुजरात हाईकोर्ट ने निचली अदालत से दोषी करार 31 में से 14 को जमानत दे दी थी, जबकि 17 दोषियों की सजा बरकरार रखी थी। इस दंगे में 33 लोगों को जिंदा जला दिया गया था। सरदारपुरा दंगे के मामले में पुलिस ने 76 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से 2 की जांच के दौरान मौत हो गई थी और एक नाबालिग था।

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