भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल अब भारत के जहरीले शहरों की लिस्ट में शामिल हो गई है। जहरीले शहर यानी वह शहर जिनकी हवा में खतरनाक प्रदूषण पाया गया है। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो गई है। इस लिस्ट में भोपाल का नाम 63 नंबर पर है। भारत के कुल 287 शहरों की हवा में खतरनाक प्रदूषण पाया गया है।
शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर और डैमेज सड़कें प्रदूषण के कारक
राजधानी भोपाल में बीते छह वर्षों का पर्यावरण स्वच्छता स्तर देखें तो स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है। पीएम 10 का स्तर बढ़ने के कारण भोपाल की एम्बिएंट एयर क्वालिटी खराब होती जा रही है। एयर क्वालिटी इंडेक्स पर भोपाल का लेवल 100 से ज्यादा चल रहा है जबकि या 50 से कम होना चाहिए। AQI 100 से अधिक होने की स्थिति में हवा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाती है। ऐसी हवा अस्थमा के मरीजों के लिए जानलेवा होती है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही का खामियाजा पूरे शहर को भुगतना होगा
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही का खामियाजा पूरे शहर को भुगतना होगा। यह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जिम्मेदारी है कि वह लगातार प्रशासन को चेतावनी जारी करता रहे और ऐसी हर चीज को बंद कर दे जिससे प्रदूषण बढ़ रहा हो। लेकिन यहां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड केवल रिपोर्टिंग का काम कर रहा है। किसने खराब हालात हो जाने के बावजूद पोलूशन कंट्रोल बोर्ड हरकत में नहीं आया है। PCB के अधीक्षक हनुमंत मालवीय भोपाल में प्रदूषण के कारण गिना रहे हैं। उनका कहना है कि शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर, डैमेज सड़कें और क्लीनिंग प्रोसेस के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। सवाल यह है कि जब AQI 50 से क्रॉस हुआ तभी पीसीबी ने चेतावनी जारी क्यों नहीं की। ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर पर रोक क्यों नहीं लगाई जिसके कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। और अभी भी जबकि भोपाल जहरीले शहरों में शामिल हो गया है, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कड़ी कार्यवाही क्यों नहीं करता।