JU में लापरवाही की हद, मार्कशीट से नाम गायब | GWALIOR NEWS

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ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में रिजल्ट घोषित करने और उसके बाद मार्कशीट में लगातार लापरवाही की जा रही है। कालेजों में भेजी गईं मार्कशीट तमाम गलतियां हैं। किसी छात्र की मार्कशीट से माता-पिता का नाम गायब है। किसी का कालेज का जिला ही बदल दिया। 47 फीसदी अंक पाने वाले छात्र को फर्स्ट डिवीजन पास बताया गया है।  

अधिकतर मार्कशीट में इसी तरह की गलतियां हैं। मार्कशीट की गलतियां सामने आई तो कालेजों से लौटकर वापस जेयू आने लगी हैं। अब जेयू मार्कशीट बनाने वाली कंपनी के खिलाफ एफआईआर कराने की तैयारी कर रही है। दिसंबर 2018, मार्च, अप्रैल और जून 2019 की परीक्षाओं की मार्कशीटें छात्रों को नहीं दी गई थीं। छात्र मार्कशीट के लिए चक्कर काट रहे थे। जेयू ने रिजल्ट बनाने वाली कंपनी पर दबाव बनाया। इसके बाद नवंबर व दिसंबर के बीच में जेयू को पहले 2018 की परीक्षाओं की मार्कशीटें दी गईं। इसके बाद 2019 की परीक्षाओं की मार्कशीट व चार्ट जेयू के पास आए। मार्कशीट की संख्या हजारों में थी। इस वजह से उन्हें चेक नहीं किया गया।

मार्कशीटों को संबंधित कालेजों के भेज दिया गया। कालेजों में मार्कशीटों की जांच की गई। बड़ी गलतियां सामने आईं। इन गलतियों की वजह से मार्कशीट किसी काम की नहीं रही। कालेजों ने उन्हें लौटा दिया। फिर से जेयू के कर्मचारियों ने मार्कशीटों की जांच की तो अधिकतम मार्कशीट में गलती थी। मार्कशीटें गलत प्रिंट होने की वजह से छात्रों परेशानी बढ़ गई है। प्रतियोगी परीक्षाओं के फार्म, परीक्षा फार्म भरने के लिए मार्कशीट की जरूरत है।

मुरैना का MGM कालेज यह कालेज बीएड की डिग्री कराता है। बीएड प्रथम सेमेस्टर का एग्जाम 2018 में हुआ था। परीक्षा होने के एक साल बाद मार्कशीट बनी। इस कालेज का जिला ग्वालियर प्रिंट किया गया है। करीब 100 मार्कशीटों का बंच था। सभी में यही गलती थी। 45 व 47 फीसदी अंक पाने वाले को फर्स्ट डिवीजन पास बताया गया है। फाइनल की मार्कशीट में डिवीजन के कालेज में फर्स्ट, सेकेंड, थर्ड डिवीजन नहीं लिखा गया है। छात्र का नाम मार्कशीट में है, लेकिन माता-पिता का नाम छोड़ दिया है। माता-पिता के नाम की जगह खाली पड़ी है। टोटल भी सही नहीं किया गया है। टोटल की वजह से प्रतिशत गड़बड़ा गया है।

कार्य परिषद ने नागपुर की कंपनी को ब्लैक लिस्टेट करने का फैसला लिया था। ब्लैक लिस्टेड के साथ-साथ धरोहर राशि जब्त करनी थी। कंपनी डाटा नहीं देती है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। यह कार्रवाई 15 दिन में पूरी करनी थी। लेकिन जेयू ने कार्य परिषद के फैसले का पालन ही नहीं किया। अब गलत मार्कशीटें आने से नया संकट आ गया है। 6 जनवरी को फिर से कार्य परिषद की बैठक है। इस बैठक में रिजल्ट बनाने के लिए नई कंपनी का चयन होना है। कंपनी के चयन का लिफाफा कार्य परिषद की बैठक में ही खोलना है।

कंपनी ने गलत प्रिंट करके मार्कशीट दी हैं। मार्कशीटों को उसे वापस किया था, लेकिन कंपनी ने लेने से इनकार कर दिया। कार्य परिषद की बैठक में पूरा ब्योरा पेश कर रहे हैं। कंपनी के खिलाफ एफआईआर के लिए लिख रहे हैं। नागपुर की कंपनी को नोटिस भी दे रहे हैं।
आरकेएस सेंगर, परीक्षा नियंत्रक जेयू
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