भोपाल। मध्य प्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक मुन्नालाल गोयल अपने विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर पूर्व की समस्याओं को लेकर शनिवार को विधानसभा परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए। हालांकि एक घंटे के बाद उन्होंने धरना खत्म कर दिया। शनिवार सुबह विधानसभा पहुंचे मुन्नालाल गोयल पहले परिसर के अंदर घुसने के लिए बैरिकेडिंग से कूदते हुए नजर आए। इसके बाद विधानसभा में लगी गांधी प्रतिमा पर पहुंचकर उन्होंने माल्यार्पण करने के बाद परिसर के गेट पर ही दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए थे।
मुन्नालाल गोयल का आरोप है कि कांग्रेस जिन वचन पत्रों के सहारे सत्ता पर काबिज हुई है, उन वचनों पर अमल नहीं कर रही है। विधायक ने कांग्रेस के वचन पत्र में शामिल झुग्गी वासियों को पट्टे देने के वचन को पूरा नहीं करने का मुद्दा उठाया है। कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के 112 झुग्गी वासियों को कांग्रेस के वचन पत्र पर अमल का इंतजार है। उनकी सरकार से मांग है कि झुग्गी वासियों को जल्द से जल्द पट्टा दिया जाना चाहिए।
इस मुद्दे को उन्होंने विधानसभा में 6 महीने पहले भी उठाया था, जिसमें सरकार के मंत्री ने जल्दी ही झुग्गी वासियों को पट्टे देने का ऐलान किया था। हालांकि 6 महीने बीतने के बाद भी इस पर अमल नहीं होने वे खासे नाराज हैं। कांग्रेस विधायक ने मांग की है कि कांग्रेस पार्टी के वचन पत्र पर सरकार को तत्काल अमल करना चाहिए। ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाने वाले मुन्नालाल गोयल ने कहा कि यह मामला सीधा सरकार से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि ये उनकी व्यक्तिगत नाराजगी है जो कांग्रेस का वचन पत्र पूरा नहीं होने को लेकर है। उन्हें मजबूर होकर विधानसभा परिसर के बाहर धरना देना पड़ रहा है।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि वे झुग्गी वासियों को पट्टे दिए जाने की मांग को लेकर कई बार मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख चुके लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ है। इतना ही नहीं विधानसभा के विशेष सत्र में भी उन्होंने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की थी लेकिन उनकी आवाज को सुना नहीं गया।
एक दिन पहले सिंधिया ने भी कही थी ये बातएक दिन पहले ही कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि सरकार को आम लोगों की आवाज को सुनना होगा. कार्यकर्ताओं की आवाज को भी सरकार को सुनना होगा। जिन मुद्दों के सहारे कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई है उन मुद्दों पर खरा उतरना सरकार की जिम्मेदारी है। सिंधिया के सरकार को जिम्मेदारियों का एहसास कराने के दूसरे ही दिन कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल के विधानसभा परिसर में धरना देने को प्रेशर पॉलिटिक्स से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन कांग्रेस के अंदर ही मची खींचतान पर बीजेपी को बैठे-बिठाए मुद्दा जरूर हाथ लग गया है।