राज्यपाल ने अतिथि विद्वानों की मांगों को जायज ठहराया, कहा मुख्यमंत्री से बात करूंगा | ATITHI VIDWAN NEWS

भोपाल। शाहजहांनी पार्क में बीते 45 दिनों से जारी प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में वर्षों से अध्यापन कार्य कर रहे अतिथिविद्वानों के अभूतपूर्व आंदोलन ने 45 दिन पूर्ण कर लिए हैं। इस बीच अतिथिविद्वानों ने सरकार के साथ साथ मौसम की भी बेरुखी झेली, लेकिन खराब मौसम, बारिश और कड़ाके की ठंड भी अतिथिविद्वानों का हौसला पस्त नही कर सकी। विगत 45 दिनों से आंदोलन में महिलाओं के साथ साथ छोटे बच्चों ने भी अपनी सहभागिता निभाकर आंदोलन को सशक्त बनाने में महती भूमिका निभाई है। 

इसी कड़ी में आज अतिथिविद्वानों के एक प्रतिनिधिमंडल में सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मुलाकात कर जल्द नियमितिकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करवाने की अपील की है। इस पर दिग्विजय सिंह जी ने कहा कि अतिथिविद्वानों का नियमितिकरण प्रक्रियाधीन है। कईं प्रस्ताव शासन को मिले हैं, जिस पर मंथन चल रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के विदेश दौरे से वापसी पर जल्द इस विषय मे निर्णय ले लिया जाएगा। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने कहा है वर्षों से उच्च शिक्षा विभाग की सेवा करते आ रहे अतिथिविद्वान हर तरह से योग्य एवं अनुभवी है। उन्होंने कालेजों में पठन पाठन के साथ साथ प्रवेश, परीक्षा, मूल्यांकन, पाठ्येत्तर गतिविधियों में साथ साथ नैक मूल्यांकन जैसी महत्वपूर्ण गतिविधि मे सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया है। अतिथिविद्वानों को किसी प्रकार के प्रशिक्षण अथवा इंडक्शन कार्यक्रम की ज़रूरत नही है। सरकार को अतिथिविद्वानो के अनुभव का भरपूर लाभ लेना चाहिए था, जबकि इससे उलट सरकार इन अनुभवी और योग्य अतिथिविद्वानों को सेवा से बाहर का रास्ता दिखा रही है।

महामहिम राज्यपाल को अतिथिविद्वानों ने सुनाई अपनी व्यथा

अतिथिविद्वान नियमितिकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ जेपीएस चौहान एवं डॉ आशीष पांडेय के अनुसार आज अतिथिविद्वानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल मध्यप्रदेश श्री लालजी टंडन से मुलाकात कर अतिथिविद्वान नियमितीकरण पर विस्तार से चर्चा की व अतिथिविद्वानों की पीड़ा से महामहिम राज्यपाल को अवगत कराया। इस विषय पर चर्चा करते हुए राज्यपाल द्वारा कहा गया कि पुर्व में मुझे भी यह जानकारी दी गई थी कि नई भर्ती से कोई भी अतिथिविद्वान प्रभावित नही होगा। किन्तु यह किस प्रकार संभव है कि एक बार मे लगभग 2700 अतिथिविद्वानों को सेवा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। यह आश्चर्यजनक है। महामहिम ने आगे बोलते हुए कहा कि अतिथिविद्वानों का नियमितीकरण वचनपत्र में शामिल है,अतः अतिथिविद्वानों का जल्द नियमितीकरण किया जाना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी एवं मानवीय द्रष्टिकोण से सर्वथा उचित है।

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