भोपाल। मध्यप्रदेश में अब शहर के कारण कोई मौत नहीं होगी। भोपाल स्थित AIIMS ने हेल्पलाइन नंबर (helpline number for poison) जारी कर दिए हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के फॉरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी डिपार्टमेंट में पाइजन इंफॉर्मेशन सेंटर (poison information centre) शुरू कर दिया गया है। इस सेंटर में साढ़े तीन लाख तरह के जहर का इलाज मौजूद है। मध्य प्रदेश का कोई भी डॉक्टर सरकारी हो या प्राइवेट, एक फोन कॉल लगाकर जहर का इलाज पता कर सकता है।
एम्स के अधिकारियों ने बताया कि लाखों तरह के जहर ऐसे होते हैं जिनका इलाज डॉक्टरों को भी नहीं पता होता। फौरन इलाज नहीं मिलने से कई बार मरीजों की मौत भी हो जाती है। एम्स में सूचना केन्द्र बनने के बाद प्राथमिक व सामुदायिकि स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर मेडिकल कॉलेज तक के डॉक्टर एम्स के डॉक्टरों से जहर के इलाज व उसके दुष्प्रभाव के बारे में पूछ सकेंगे। 24 घंटे यह सुविधा मिलेगी। अधिकारियों ने बताया साढ़े तीन लाख तरह के जहर के ब्यौरा वाला एक साफ्टवेयर बनाया गया है। जानकारी लेने वाले डॉक्टर या अन्य चिकित्सकीय स्टाफ को यह बताना होगा कि जहर में कौन सा तत्व है। एम्स के सूचना केन्द्र के चिकित्सक वह तत्व साफ्टवेयर में डालकर पूरी जानकारी निकालेंगे और डॉक्टर को बताएंगे। इस साफ्टवेयर में उस जहर के खाने से शरीर में होने वाले नुकसान, लक्षण व इलाज के बारे में बताया गया है। एम्स के डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह ने बताया देश में इस तरह का यह 10 वां सेंटर है।
इन नंबर पर ले सकते हैं जानकारी | AIIMS bhopal helpline for poison case
टोल फ्री नंबर- 180023331122
मोबाइल नंबर - 9407304738/9407214738
(फोन, वाट्सअप व टेक्स्ट मैसेज के लिए )