भोपाल। मध्य प्रदेश के नीति नियंताओं के मिलन समारोह ' आईएएस सर्विस मीट 2020' को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुलकर बताया कि वह कैसा मध्यप्रदेश चाहते हैं। सीएम कमलनाथ आईएएस सर्विस मीट 2020 का इनॉग्रेशन कर रहे थे। उनके पूरे भाषण का निष्कर्ष यह रहा कि वह मध्यप्रदेश में किसान और कारोबारी की समान भागीदारी चाहते हैं।
अनुभवी आईएएस चिंतन करें कि वह प्रदेश को कहां छोड़ कर जाना चाहते हैं: मुख्यमंत्री कमलनाथ
कमलनाथ ने कहा कि विविधता में भारत की बराबरी करने वाला देश सिर्फ सोवियत संघ था। आज वह अस्तित्व में नहीं है, क्योंकि उसने भारत जैसी सोच समझ और सहिष्णुता की संस्कृति नहीं थी। उन्होंने कहा है कि जो आईएएस अधिकारी अपनी सेवा यात्रा के मध्य में है, जो सेवा पूरी करने वाले हैं, वे चिंतन करें कि प्रदेश को वे कहां छोड़कर जाना चाहते हैं। जो सेवा यात्रा की शुरूआत कर रहे हैं, वे सोचें कि वे प्रदेश को कहां देखना चाहते हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों जैसी क्षमता और कौशल नेताओं के पास नहीं होता: सीएम कमलनाथ
मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को न्याय देने वाला बताते हुए कहा कि संविधान में उल्लेखित स्वतंत्रता और समानता जैसे मूल्यों की सीमाएं हो सकती हैं, लेकिन न्याय की कोई सीमा नहीं है। यह हर समय और परिस्थिति में दिया जा सकता है। दृष्टिकोण में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों के पास जो क्षमता और कौशल है वह सामान्यत: राजनैतिक नेतृत्व के पास नहीं रहता।
मध्यप्रदेश में न्यू आइडिया ऑफ चेंज पर देंगे तीन पुरस्कार: मुख्यमंत्री कमलनाथ
उन्होंने कहा कि राजनैतिक नेतृत्व बदलते ही प्रशासनिक तंत्र का भी नया जन्म होता है, लेकिन ज्ञान, कला, कौशल नहीं बदलते। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नए परिवर्तनकारी विचारों ‘न्यू आइडिया आफ चेंज’ के लिए तीन पुरस्कार देने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए पूर्व मुख्य सचिवों की एक ज्यूरी बनाई जाएगी जो सर्वोत्कृष्ट आइडिया चुनेगी।
हमें मध्यप्रदेश का प्रोफाइल बदलना होगा: कमलनाथ
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर राज्य का अपना प्रोफाइल होता है। सबको मिलकर प्रदेश का प्रोफाइल बनाना होगा। वर्तमान प्रोफाइल को बदलना होगा। मध्यप्रदेश की नई पहचान बनानी होगी। इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा आर्थिक गतिविधियाँ उत्पन्न हों। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी हर पल बदल रही है। पूरा भारत बदल रहा है। ज्ञान और सूचना के भंडार तक आज जो पहुंच बढ़ी है वह पहले नहीं थी।