नगरीय विकास मंत्रालय से फर्जी ट्रांसफर लिस्ट जारी | MP NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग से फर्जी ट्रांसफर लिस्ट जारी होने का मामला सामने आया है। यह लिस्ट 23 दिसंबर 2019 को जारी किया जाना बताया गया है। ट्रांसफर लिस्ट पर राजीव निगम उप सचिव मध्य प्रदेश शासन के हस्ताक्षर दिखाई दे रहे हैं। तबादला सूची का जावक पत्र क्रमांक एफ 1-102/2019/19-2 दर्ज किया गया है। यह तबादला सूची पूरी तरह से फर्जी है। मंत्री जयवर्धन सिंह ने भी कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया। जबकि इसी तबादला सूची के आधार पर अशोकनगर में मुख्य नगरपालिका अधिकारी को रिलीव कर दिया गया। 

मंत्रालय में यह लिस्ट किसने टाइप की, हस्ताक्षर किसके है 

इसमें कोई दो राय नहीं किया तबादला सूची मंत्रालय के कंप्यूटर से ही टाइप की गई है। ट्रांसफर लिस्ट मैं फोंट और फोंट साइज बिल्कुल वही है जो सरकारी आदेशों के लिए उपयोग किया जाता है। ट्रांसफर लिस्ट में वही टेबल का उपयोग किया गया है जो मंत्रालय के एमएस ऑफिस सॉफ्टवेयर में ट्रांसफर लिस्ट के लिए पहले से सेव है। यह भी पक्का है कि जिस व्यक्ति ने लिस्ट तैयार की है, उसे मालूम था कि यह फर्जीवाड़ा है इसलिए उसने इस फर्जीवाड़े के खुलासे के लिए लिस्ट में 3 क्लू छोड़े हैं। जांच का विषय सिर्फ इतना है कि मंत्रालय के कंप्यूटर पर यह लिस्ट किसने टाइप की, किसके आदेश पर टाइप की गई और लिस्ट पर हस्ताक्षर किसके हैं। यदि इस मामले की जांच नहीं कराई जाती तो यह संदेह पुख्ता हो जाएगा कि शिवराज सिंह शासनकाल में जिस प्रकार एक बार शिक्षा मंत्रालय से तत्कालीन मंत्री की जानकारी में रहते हुए फर्जी निलंबन आदेश जारी किए गए थे, उसी प्रकार मंत्री की जानकारी में रहते हुए फर्जी ट्रांसफर लिस्ट जारी की जा रही है। उद्देश्य बताने की जरूरत नहीं। सब कुछ पैसा कमाने के लिए।

खुलासा कहां हुआ, किसने किया 

फर्जी ट्रांसफर लिस्ट का खुलासा मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में हुआ। नगर पालिका में इन दिनों सीएमओ शमशाद पठान के खिलाफ नगर पालिका अध्यक्ष एवं पार्षद लामबंद हो गए हैं। नगर परिषद की बैठक 16 दिसम्बर को बुलाई थी। इसमें रखे गए नए बिंदुओं पर कांग्रेस सहित भाजपा पार्षदों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। अगली बैठक 20 दिसम्बर को रखी लेकिन उसमें सीएमओ शमशाद पठान नहीं आए। सभी पार्षदों और अध्यक्ष ने सीएमओ के खिलाफ मोर्चा खोला था। कलेक्टर से शिकायत करने भी पहुंचे थे। इनमें से ही कुछ नेता नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह से मिलने के लिए भोपाल गए। लौट कर आए तो उनके पास सीएमओ शमशाद पठान का ट्रांसफर ऑर्डर था। नेतागण इसे लेकर नगर पालिका अध्यक्ष के पास जा पहुंचे। अध्यक्ष ने सीएमओ को रिलीव कर दिया। सीएमओ शमशाद पठान ने दावा किया कि यह ट्रांसफर आर्डर फर्जी है। विधायक जजपाल सिंह ने विभागीय मंत्री जयवर्धन सिंह से बात की तो उन्होंने भी आदेश को गलत बताया। कुल मिलाकर कहानी का पटाक्षेप हो गया। 

फर्जी तबादला आदेश में हैं 3 बड़ी गलतियां


  1. केएल पारधी सहायक ग्रेड 2 को नगरपालिका परिषद बेगमगंज जिला दतिया से नगरपरिषद लांजी जिला बालाघाट ट्रांसफर बताया है। जबकि दतिया में बेगमगंज है ही नहीं। बेगमगंज जिला रायसेन में है।
  2. सोहल अलावा सीएमओ को नगर परिषद खरगापुर टीकमगढ़ से नगर परिषद बीजापुर ट्रांसफर किया है, जबकि बीजापुर तो पूरे मध्यप्रदेश में ही नहीं है। बीजापुर छत्तीसगढ़ में है। 
  3. शेख अब्दुल हमीद सीएमओ नगरपरिषद पीथमपुर का उसी नगर परिषद में ट्रांसफर कर दिया गया। यह कैसे हो सकता है। 


ऐसा कोई आदेश नहीं है

फर्जी आदेश पर नपा अध्यक्ष ने भार मुक्त कर दिया। इस संबंध में मैंने विधायक से भी बात की थी। उन्होंने नगरीय विकास एवं आवास विभाग के मंत्री से बात की। तब पता चला कि ऐसा कोई आदेश ही जारी नहीं हुआ। कलेक्टर को शिकायत की है और अध्यक्ष की शिकायत भी करूंगा। वे बताएं, उन्हें किसने ये फर्जी आदेश दिया था। 
शमशाद पठान, सीएमओ नगर पालिका

मुझे जानकारी नहीं है

आदेश फर्जी है इसकी मुझे जानकारी नहीं है। कांग्रेसी पार्षद ही आदेश मेरे पास लेकर आए थे। मुझे उन्होंने लेटर वॉट्सएप भी किया था। आदेश फर्जी है तो इसकी आईटी सेल से जांच होना चाहिए। 
सुशीला साहू, नपा अध्यक्ष अशोकनगर

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