शीतकालीन अवकाश" की घोषणा दो बार क्यों की गई, कारण बताओ | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। मप्र में प्रतिभा पर्व अर्धवार्षिक मूल्याकंन के लिए विद्यालयों में गैर विभागीय अधिकारियों व शिक्षकों से कम योग्यता वाले कर्मचारियों को प्रेक्षक नियुक्त करके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को पलिता लगाने वाले शिक्षा विभाग में शीतकालीन अवकाश दो बार अलग-अलग अधिकारियों द्वारा घोषित करना इनकी कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह  है। 
मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने कहा है कि दिनांक 18 मार्च 2019 को श्री प्रमोद सिंह "उप सचिव" मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग-भोपाल ने आदेश जारी कर "दिनांक 23 से 28 दिसम्बर 2019 तक शीतकालीन अवकाश" पूर्व में ही घोषित कर रखें है। इन्हीं तिथियों के लिए यही अवकाश, श्री सुधीर कुमार कोचर "उप सचिव" मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग-भोपाल ने पुनः दिनांक 05 दिसंबर 2019 के आदेश से घोषित किये हैं, इसमें विशेष व नया क्या हैं ? 

लगता है शिक्षकों को "पदनाम की जगह बदनाम" करने के लिए विभागीय "अकादमीक अधिकारियों" पर अविश्वास करते हुए अन्य विभागों के अधिकारियों एवं कम योग्यता वाले कर्मचारियों को "प्रतिभा पर्व अर्धवार्षिक मूल्याकंन" के लिए विद्यालयों में "प्रेक्षक" (आब्जर्वर्स) बनाने के बाद विभागीय अधिकारियों के पास कोई काम नहीं बचा है, इसलिए शीतकालीन अवकाश के आदेश दो बार जारी किये हैं। शिक्षकों के कई प्रकरण आर्थिक व अनार्थिक वर्षों से लंबित होकर अंबार लगे हैं । पदनाम जैसी मामूली अनार्थिक मांग को बेवजह अटकाने-लटकाने वाले आला अधिकारी अपने खाली समय का उपयोग इनके निराकरण में लगाये तो बेहतर होगा।

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