भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस एवं परिवहन विभाग शहरी सीमा क्षेत्र में हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस की जांच के लिए हर मोड़ पर चौकियां बना रहे हैं परंतु शहरी सीमा के बाहर मौत बनकर दौड़ रहे वाहनों पर कंट्रोल करने के लिए ना तो पुलिस विभाग के पास कोई एक्शन प्लान है और ना ही परिवहन विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाता है। परिवहन विभाग की लापरवाही के कारण छिंदवाड़ा में हुए एक हादसे में तहसीलदार की मौत हो गई।
तहसीलदार पीटी बागड़े 5 दिन पहले ही मां के निधन पर अपने घर जिला छिंदवाड़ा गए हुए थे। शनिवार को वे अपनी नौकरी ज्वाइन करने के लिए पठारी जिला विदिशा वापस आ रहे थे तो छिंदवाड़ा जिले में ही उनकी गाड़ी के सामने से आ रहे एक चार पहिया वाहन से जोरदार टक्कर हो गई जिसमें तहसीलदार की गाड़ी सड़क के नीचे उतर गई। गंभीर रूप से घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तहसीलदार की गाड़ी के ड्राइवर गोलू को भी चोटें आई हैं लेकिन वह सुरक्षित है।
पुलिस और परिवहन विभाग की लापरवाही मौत का कारण
कुरवाई एसडीएम जीएस वर्मा ने बताया कि शाम 4 बजे पठारी तहसीलदार पीटी बागड़े की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। तहसीलदार को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दरअसल इस तरह के हादसों में सरकार बड़ी ही चतुराई के साथ वाहन चालकों को दोषी चेहरा देती है। पुलिस विभाग के लोग जिस तरह हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए तैनात होते हैं उसी तरह शहर के बाहर हाईवे पर वाहनों की स्पीड कंट्रोल और ड्रिंक एंड ड्राइव की जांच के लिए कभी तैनात नहीं होते। मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग का दूसरा नाम तो केवल अवैध वाहनों से वसूली करने वाला विभाग रह गया है। पूरे मध्यप्रदेश में माफिया के खिलाफ अभियान चल रहा है परंतु परिवहन विभाग के अधिकारी परिवहन माफिया के खिलाफ कभी कोई एक्शन नहीं लेते।