भोपाल। 11 दिसंबर को पंचायत विभाग की अपर मुख्य सचिव गौरी सिंह ने विभागीय मंत्री कमलेश्वर पटेल और मुख्यमंत्री कमलनाथ के अप्रूवल के बिना ही पंचायतों का आरक्षण कार्यक्रम जारी कर दिया था। मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद यह कार्यक्रम वापस ले लिया गया है। अब सीएम कमलनाथ के अप्रूवल के बाद ही आरक्षण कार्यक्रम जारी होगा। इसकी तारीख तक तय नहीं हो पाई है। एक अनुमान लगाया जा रहा है कि दिसंबर के लास्ट वीक में अप्रूवल मिल सकता है।
प्रदेश की ज्यादातर त्रिस्तरीय पंचायतराज संस्थाओं का कार्यकाल मार्च में समाप्त हो रहा है। नियमानुसार इसके पहले चुनाव कराना जरूरी है। इसके मद्देनजर परिसीमन भी कराया जा चुका है। इसे देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने वार्ड से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष पद तक का आरक्षण करने का कार्यक्रम घोषित कर दिया था।
प्रस्तावित कार्यक्रम के हिसाब से 11 दिसंबर से आरक्षण शुरू होकर राज्य स्तर पर 16 दिसंबर तक चलना था। चार दिसंबर को पंचायत के वार्ड, सरपंच, जनपद निर्वाचन क्षेत्र व अध्यक्ष के साथ जिला पंचायत निर्वाचन क्षेत्र के आरक्षण की अधिसूचना जारी की जाती। 11 दिसंबर को पंचायत के वार्ड और सरपंच पद का आरक्षण होगा।
13 दिसंबर को जनपद व जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्र के साथ जनपद अध्यक्ष पद का आरक्षण होगा। जिला पंचायत के अध्यक्ष पद का आरक्षण 16 दिसंबर को राज्य स्तर पर होगा।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आरक्षण 2011 की जनसंख्या के आधार पर होगा। इस प्रक्रिया से जुड़ी सभी अधिसूचनाएं कलेक्टर के माध्यम से जारी होंगी। आरक्षण की प्रक्रिया पूरी करके आयुक्त पंचायतराज को प्रमाणिक जानकारी विशेष वाहक के जरिए उपलब्ध कराई जाएगी। गैर अनुसूचित क्षेत्र के सरपंच और जनपद पंचायत के अध्यक्ष पद के विभिन्न् वर्गों के लिए चक्रानुक्रम से लाट निकालकर पद आरक्षित किए जाएंगे।
पूरे अनुसूचित क्षेत्र के सभी सरपंच और जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित रहेंगे। पंचायत के वार्ड और जिला व जनपद पंचायत के निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति-जनजाति की जनसंख्या के हिसाब से और अन्य पिछड़ा वर्ग व महिलाओं के लिए पद चक्रानुक्रम से लाट निकालकर आरक्षित किए जाएंगे।
महिलाओं के लिए आधे पद वर्गवार चक्रानुक्रम (रोटेशन) आरक्षित होंगे। कार्यक्रम की घोषणा मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के स्तर पर तय होने के बाद होगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल का कहना है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ से जल्द चर्चा होगी।