भोपाल। हाल ही में बने भारत की नागरिकता संशोधन कानून (सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन से मध्य प्रदेश को बचाए रखने के लिए राजधानी भोपाल सहित पूरे मध्यप्रदेश में सभी जिलों के कलेक्टरों ने धारा 144 लागू कर दी है। भोपाल कलेक्टर ने तो लगातार दो महीने तक के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है। भोपाल में 18 फर 2020 तक निषेधाज्ञा लागू होगी। यानी नए साल का जश्न सड़कों पर नहीं बनाया जा सकेगा।
पुलिस मुख्यालय के सूत्रों का कहना है कि जिस तरह का विरोध प्रदर्शन पश्चिम बंगाल, दिल्ली या उत्तर प्रदेश में देखा गया। वैसी तैयारियां मध्यप्रदेश में भी चल रही है इस तरह का कोई इनपुट नहीं है। पूरे प्रदेश में शांति है और लोग सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे हैं परंतु फिर भी बुधवार से गुरुवार तक एक के बाद एक सभी जिलों के कलेक्टरों ने अपने-अपने जिलों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह निषेधाज्ञा सोशल मीडिया पर भी जारी रहेगी। यानी इस दौरान यदि कोई आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से ज्यादा सजगता एवं सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। पुलिस विभाग के मैदानी अमले के अफसरों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं। इंटेलीजेंस को अधिक मुस्तैदी से कार्य करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों पर संदिग्ध लोगों और उनकी गतिविधियों पर और पैनी नजर रखी जा रही है। राज्य में कुछ स्थानों पर कुछ संगठनों की ओर से सीएए का विरोध करने की सूचनाओं पर ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं। गुरुवार को राज्य में सीएए को लेकर कहीं पर भी प्रदर्शन की सूचना नहीं मिली है।
भोपाल में दो महीने के लिए निषेधाज्ञा लागू
भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने नागरिकता कानून संशोधन कानून (सीएए) को लेकर प्रदर्शन को देखते हुए भोपाल में दो महीने के धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। सुरक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भोपाल जिले में 18 दिसंबर से 18 फरवरी 2020 से धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके तहत सार्वजनिक स्थलों पर 5 या उससे अधिक लोगों के एक जगह एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पारिवारिक सदस्यों, विवाह समारोह, बारात तथा शवयात्रा और शासकीय कार्यालयों, चिकित्सालय, शिक्षण संस्थाओं, होटल, दुकान, उद्योग और सार्वजनिक सेवाओं पर ये आदेश प्रभावी नहीं होगा।
What is a Dhara 144? | धारा 144 क्या है? | What Is Section 144
सीआरपीसी की धारा 144 शांति कायम करने के लिए उस स्थिति में लगाई जाती है जब किसी तरह के सुरक्षा संबंधित खतरे या दंगे की आशंका हो। धारा-144 जहां लगती है, , उस इलाके में पांच या उससे ज्यादा आदमी एक साथ जमा नहीं हो सकते हैं। धारा लागू करने के लिए इलाके के जिलाधिकारी द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। धारा 144 लागू होने के बाद इंटरनेट सेवाओं को भी आम पहुंच से ठप किया जा सकता है। यह धारा लागू होने के बाद उस इलाके में हथियारों के ले जाने पर भी पाबंदी होती है।
कब तक लग सकती है धारा-144?
धारा-144 को 2 महीने से ज्यादा समय तक नहीं लगाया जा सकता है। अगर राज्य सरकार को लगता है कि इंसानी जीवन को खतरा टालने या फिर किसी दंगे को टालने के लिए इसकी जरूरत है तो इसकी अवधि को बढ़ाया जा सकता है। लेकिन इस स्थिति में भी धारा-144 लगने की शुरुआती तारीख से छह महीने से ज्यादा समय तक इसे नहीं लगाया जा सकता है।
धारा-144 सजा का प्रावधान
गैर कानूनी तरीके से जमा होने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ दंगे में शामिल होने के लिए मामला दर्ज किया जा सकता है। इसके लिए अधिकतम तीन साल कैद की सजा हो सकती है।
धारा-144 और कर्फ्यू के बीच फर्क
ध्यान रहे कि सेक्शन 144 और कर्फ्यू एक चीज नहीं है। कर्फ्यू बहुत ही खराब हालत में लगाया जाता है। उस स्थिति में लोगों को एक खास समय या अवधि तक अपने घरों के अंदर रहने का निर्देश दिया जाता है। मार्केट, स्कूल, कॉलेज आधि को बंद करने का आदेश दिया जाता है। सिर्फ आवश्यक सेवाओं को ही चालू रखने की अनुमति दी जाती है। इस दौरान ट्रैफिक पर भी पूरी तरह से पाबंदी रहती है।