अक्सर लोग उन प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के विरुद्ध उपभोक्ता फोरम में शिक़ायत करते हैं जिनसे उन्होंने कोई वस्तु ख़रीदी होती है लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र की सेवा प्रदाता संस्थाओं के विरुद्ध उपभोक्ता फोरम में 1 फीसदी से भी कम लोग अपनी शिक़ायत दर्ज कराते हैं। लोग इस तरह के मामलों से बचना पसंद करते हैं। इस स्थिति से बचने के बजाय यदि एक जि़म्मेदार नागरिक की तरह अपने दायित्व को निभाते हुए सही समय पर शिक़ायत करेंगे तो न केवल आपकी समस्या का समाधान होगा बल्कि कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने में भी अपनी अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। बिजली, पानी, सड़क, रेल आदि कहीं भी आपको सेवाओं का मोल चुकाने के बाद उचित सेवा न मिले, या कोई नुक़सान हो, तो आप उपभोक्ता फोरम में शिक़ायत कर सकते हैं। सेवा से जुड़े सारे प्रमाणों, जैसे बिल, टिकट आदि को सम्भालकर रखें।
भ्रामक विज्ञापनों की शिकायत कहां करें
टीवी पर आने वाले विज्ञापनों को देखकर भी कई बार लोग किसी उत्पाद को मंगा लेते हैं, जो बाद में बताए दावे के अनुसार नहीं होते हैं। ऐसी स्थिति में भी उपभोक्ता फोरम में शिक़ायत की जा सकती है। प्री लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक़ केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण अथॉरिटी (सीसीपीए ) झूठे या भ्रामक विज्ञापन के लिए मैन्युफैक्चरर या एंडोर्सर पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगा सकती है। दोबारा अपराध की स्थिति में यह जुर्माना 50 लाख रुपए तक बढ़ सकता है। उत्पाद निर्माता को दो वर्ष तक की कैद की सज़ा भी हो सकती है जो हर बार अपराध करने पर पांच वर्ष तक बढ़ सकती है।
छोटी-छोटी पर काम की बातें
कोई भी बीमा पॉलिसी लेते समय उसकी सारी शर्तों को अच्छी तरह पढ़कर और समझकर ही ख़रीदिए।
अगर एलपीजी कनेक्शन लिया है और कोई दुर्घटना होती है तो उसकी सूचना पांच दिन के अंदर गैस वितरक एजेंसी को देनी चाहिए। पीड़ित उपभोक्ता मुआवज़ा पाने का अधिकारी होता है।
अगर शासकीय या निजी अस्पताल में किसी तरह की चिकित्सकीय लापरवाही के कारण उपभोक्ता को स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ता है तो उसकी शिक़ायत भी वह उपभोक्ता फोरम में कर सकता है।
अगर ऑनलाइन कोई सामान ख़रीदा है तो उसके लिए ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स भी यह कहकर अपने दायित्व से नहीं बच सकती हैं कि वह सिर्फ़ माध्यम हैं, क्योंकि उनके विज्ञापन को देखकर ही एक उपभोक्ता ने सामान मंगाया था। इसलिए उन पर शिक़ायत दर्ज कराना बिल्कुल जायज़ है।
उपभोक्ताओं के अधिकार
जीवन एवं संपत्ति के लिए हानिकारक सामान और सेवाओं की बिक्री के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार।
ख़रीदी गई वस्तु की गुणवत्ता, मात्रा, क्षमता, शुद्धता, स्तर और मूल्य, रैसा भी मामला हो, के बारे में जानकारी का अधिकार, ताकि उपभोक्ताओं को ग़लत व्यापार पद्धतियों से बचाया जा सके ।
जहां तक संभव हो उचित मूल्यों पर विभिन्न प्रकार के सामान तथा सेवाओं तक पहुंच का आश्वासन।
उपभोक्ताओं के हितों पर विचार करने के लिए बनाए गए विभिन्न मंचों पर प्रतिनिधित्व का अधिकार।
अनुचित व्यापार पद्धतियों या उपभोक्ताओं के शोषण के विरुद्ध निपटारे का अधिकार।
सूचना संपन्न उपभोक्ता बनने के लिए ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का अधिकार।
अपने अधिकार के लिए आवाज़ उठाने का अधिकार।
जानिए क्या होते हैं ग्राहकों के अधिकार
किसी व्यापारी द्वारा यदि उपभोक्ता को हानि हुई है, ख़रीदे गए सामान में यदि कोई ख़राबी है, किराए पर ली गई सेवाओं में कमी पाई गई है, विक्रेता ने आपसे प्रदर्शित मूल्य से अधिक मूल्य लिया है तो वो इसकी शिक़ायत कर सकता है। इसके अलावा अगर किसी कानून का उल्लंघन करते हुए जीवन तथा सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करने वाला सामान जनता को बेचा ला रहा है तो आप उपभोक्ता फोरम में शिक़ायत दर्ज करवा सकते हैं।
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