उज्जैन। लालच किसी को भी अंधा बना देता है। यहां यह बात प्रमाणित होती है। शहर में पिछले 1 साल में 10 कंपनियां फर्जी निवेश योजना का चेन सिस्टम संचालन चलाकर भाग गई। हजारों लोग ठगी का शिकार हो गए परंतु यह सिलसिला लगातार जारी है। एक साल के दौरान 40 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी सिर्फ उज्जैन जिले में हुई।
चिटफंड वालों ने धोखाधड़ी का नया तरीका खोज लिया, यह है लोगों को प्रोडक्ट देकर उन्हें कंपनी से जोड़ना फिर चेन बनाकर पांच से दस हजार रुपए प्रति सदस्यों से लेकर उन्हें धोखाधड़ी में फांस लेना। इसलिए जरूरी हो गया कि लोग अब सतर्क हो जाएं। आईजी राकेश गुप्ता ने कहा लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। चिटफंड के जितने मामले सामने आ रहे हैं, उसमें कंपनी के लोगों की गिरफ्तारी व सबूत एकत्र करवा रहे हैं ताकि कंपनी के मालिक व अन्य आरोपी सजा से नहीं बच सकें। राजपत्रित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
कार-बाइक देकर शिकार बनाया
नानाखेड़ा पुलिस ने सी-21 मॉल से संचालित होने वाली लाइफ टाइम स्टॉक मार्केटिंग कंपनी के मालिक समेत तीन लोगों को हाल ही में गिरफ्तार किया जो रिमांड पर है। कंपनी ने किसान और कॉलेज के छात्रों को उपहार में कार, बाइक व सोने की चेन देकर प्रलोभन में लिया और उनसे लाखों रुपए हड़प लिए। दस से बारह करोड़ की धोखाधड़ी कर कंपनी के लोग फरार हो गए थे।
दोगुना रुपए का झांसा, 24 करोड़ रुपए ठगे
ग्लोरिया प्रॉपर्टी इंडिया लिमिटेड ने उज्जैन में लोगों को तीन साल में दोगुना रुपए वापस लौटाने का भरोसा दिलाया। सैकड़ों लोग इस प्रलोभन में आकर कंपनी में लाखों रुपए निवेश कर बैठे। 29 दिसंबर 2018 को कंपनी बंद हो गई और 24 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी कर कर्ताधर्ता फरार हो गए। ईओडब्ल्यू उज्जैन ने केस दर्ज किया, जिसमें धार का धर्मेंद्र सिंह समेत 10 आरोपी हैं।
एक साल में पौने दो करोड़ लेकर फरार
रिलायबल मेगा प्रोजेक्ट व रिलायबल मेगा इन्फ्रा लिमिटेड व रिलायबल लैंड ऑनर एंड डेवलपर्स नाम से मक्सी के देवेंद्र कुमार समेत 12 लोगों ने तीन चिटफंड कंपनियां बनाई। लोगों से कहा कंपनी से जुड़िए तीन साल में रुपए दोगुने कर वापस देंगे। कुछ लोगों को उदाहरण के रूप में पेश भी किया। 29 दिसंबर 2018 को कंपनी सैकड़ों लोगांे से 1 करोड़ 69 लाख 40 हजार रुपए लेकर भाग गई।
चिटफंड कंपनियां अब महिलाओं को पसंद के प्रोडक्ट देकर प्रलोभित कर रही हैं। उन्हें धोखाधड़ी का शिकार बनाने के लिए यह नया तरीका अपनाया है। महिलाओं को साढ़े सात हजार रुपए में सदस्य बनाया जा रहा है व उन्हें एक महीने बाद सामान की किट दी जा रही, जिसमें तेल, शेंपू, साबुन व कपड़े समेत अन्य सामान है। महिलाओं से कहा जा रहा कि कंपनी से जुड़ने के बाद उन्हें राशि रिफंड हो जाएगी। नानाखेड़ा क्षेत्र में इस तरह की चिटफंड कंपनियां संचालित होने की जानकारी पुलिस को लगी है जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। ईओडब्ल्यू एसपी राजेश रघुवंशी ने बताया कि उनके यहां चिटफंड कंपनी के नौ मामले जांच में हंै। कहीं इस तरह की गतिविधि संचालित हो रही है तो सूचना व पुलिस थाने व ईओडब्ल्यू कार्यालय महानंदानगर पर करें।