भोपाल-इंदौर के बीच बनेगा सेटेलाइट टाउन, हाईटेक सिटी होगी दोनों शहरों से कनेक्ट | MP NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर के बीच एक सेटेलाइट टाउनशिप बनाई जा रही है। यह कुछ इस तरह का शहर होगा जिसमें आंगनवाड़ी से लेकर मेडिकल कॉलेज तक और चाट स्ट्रीट से लेकर लग्जरी माल तक सब कुछ होगा। सबसे बड़ी बात यह कि यह हाइटेक सिटी भोपाल और इंदौर दोनों शहरों के डायरेक्ट कनेक्शन में होगी। दोनों शहरों के लिए इसकी लगभग समान दूरी होगी।

सीएम कमलनाथ के निर्देश पर सेटेलाइट टाउनशिप की प्लानिंग के लिए राज्य नगर नियोजन संस्थान (सिटॉप) ने एजेंसी चयन के लिए टेंडर जारी किए हैं। चयनित एजेंसी सैटेलाइट टाउनशिप की संभावनाओं को तलाश कर प्लानिंग करेगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीते 26 जून को बैठक कर बड़े प्रोजेक्ट के आसपास के क्षेत्रों में व्यवस्थित शहरी नियोजन का खाका तैयार करने का निर्देश मप्र अर्बन डेवलमेंट कंपनी के संचालक मंडल की बैठक में दिया था। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह, मुख्य सचिव एसआर मोहंती के साथ कई अधिकारी मौजूद थे। इसके बाद नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने सैटेलाइट टाउनशिप को लेकर कई बैठकें भी की।

यह होगा चयनित एजेंसी का काम

अधिकारियों ने बताया कि चयनित एजेंसी को भोपाल-इंदौर हाइवे के बीच सैटेलाइट टाउनशिप की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम सौंपा जाएगा। लिहाजा हाइवे किनारे गांवों, जमीन उपलब्धता, नजदीकी शहरों से दूरी, वर्तमान स्थिति व सुविधाएं, आबादी और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की प्लानिंग की जाएगी। इसके लिए दो प्रकार के सर्वे भी होंगे। इसमें पहला सर्वे मैनुअल होगा और दूसरा डाटा बेस। एजेंसी भोपाल-इंदौर हाइवे पर कितने सैटेलाइट टाउनशिप विकसित किए जा सकते हैं, इसकी भी पूरी रिपोर्ट सरकार को देगी। साथ ही टाउनशिप निर्माण में कितना खर्च होगा, इसका विवरण भी तैयार किया जाएगा।

क्या होती है सैटेलाइट टाउनशिप

सैटेलाइट टाउनशिप की प्लानिंग ऐसे शहरों के लिए होती है, जिनमें तेजी से लोगों की संख्या बढ़ रही हो। इसके अलावा शहर में लोगों व शहर की जरूरत के हिसाब से पर्याप्त जमीन का संकट भी भविष्य में दिखाई दे रहा हो। लिहाजा ऐसे क्षेत्रों को सैटेलाइट टाउन के लिए चुना जाता है, जिसे विकसित कर शहरी भार को कम किया जा सके। इसकी विशेषता यह होती है कि एक ही स्थान पर पूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। जैसे कि बड़े हॉस्पिटल, शिक्षण संस्थान, बड़े व्यवसाय-वाणिज्य के उद्देश्यों के कार्यालय (कार्पोरेट ऑफिस), पॉश एरिया, उद्योगों की स्थापना आदि। इन्हें मेट्रो व हाइवे रूट पर इसलिए प्लान किया जाता है कि बेहतर यातायात सुविधा हो, साथ ही दोनों ही ओर शहरी क्षेत्र नजदीक हो।

मप्र अर्बन डेवलमेंट कंपनी प्लानिंग में फेल

सैटेलाइट टाउनशिप प्लानिंग का काम पहले मप्र अर्बन डेवलमेंट कंपनी के जिम्मे था। इन्हें ही प्लानिंग के लिए एजेंसी का चयन व आगामी कार्रवाई करनी थी, लेकिन कंपनी यह काम नहीं कर पाई। प्रोजेक्ट में देरी को देखते हुए प्लानिंग का जिम्मा टीएंडसीपी को सौंपा गया है। सिटॉप द्वारा सिर्फ टेंडर व एजेंसी का चयन किया जाएगा। इसके बाद टीएंडसीपी द्वारा इस प्रोजेक्ट को लेकर बड़े स्तर पर प्लानिंग की जाएगी।

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