महिला शिक्षक के डॉक्टर पति ने DPI कमिश्नर के नाम से फर्जी पत्र भेजा था, गिरफ्तार

भोपाल। लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल, मध्य प्रदेश की आयुक्त जयश्री कियावत के नाम वह हस्ताक्षर से जारी किया गया एक पत्र फर्जी था। पुलिस ने इस मामले में हरदा निवासी डॉक्टर रामदेव सैनी को गिरफ्तार किया है। डॉक्टर रामदेव महिला शिक्षक रीना सैनी के पति हैं। बताया जा रहा है कि 4 महीने पहले जिला शिक्षा अधिकारी हरदा में रीना सैनी का शहर से दूर एक गांव में अटैचमेंट कर दिया था। डॉक्टर रामदेव की बड़ी पॉलिटिकल पकड़ नहीं थी इसलिए उन्होंने इस फर्जीवाड़े का उपयोग किया ताकि अपनी पत्नी का कथित अन्याय पूर्ण अटैचमेंट समाप्त करवाया जा सके।

हरदा डीपीआई के नाम लिफाफा भोपाल से पोस्ट किया था

जिले के शिक्षा विभाग में हड़कंप मचाने वाले फर्जी पत्र के मास्टरमाइंड आरोपी रामदेव सैनी को हरदा थाना पुलिस ने ग्राम सोताडा में खेत पर बने मकान से गिरफ्तार किया। 52 वर्षीय आरोपी रामदेव सैनी ने विगत 7 नवंबर को लोक शिक्षण संचनालय भोपाल कार्यालय के नाम से फर्जी आदेश पत्र रॉयल मार्केट, हमीदिया रोड, जीपीओ से स्पीड पोस्ट किया था। फर्जी पत्र सभी कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और सभी डीईओ को जारी किया गया था. हरदा जिले में पत्र मिलने के बाद आदेश की पुष्टि के लिए लोक शिक्षण संचानालय से पूछा गया था, जंहा से इस तरह के किसी भी आदेश पत्र नहीं भेजने की बात कही गयी थी और फिर जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद आरोपी की पहचान कर उसे आज गिरफ्तार किया गया।

क्या लिखा था डीपीआई के फर्जी पत्र में

भोपाल लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत के नाम से जारी हुए इस पत्र में उनकी शासकीय सील भी लगी हुई है। पत्र में हरदा जिले के डीपीसी द्वारा पद का दुरुपयोग कर महिला शिक्षकों को शैक्षणिक व्यवस्था के नाम पर अन्य यंत्र शालाओं में पदस्थ कर मानसिक रूप से परेशान किए जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। इस संदर्भ में स्पष्ट किया जाता है कि राज्य शासन ने सभी प्रकार के अटैचमेंट समाप्त कर दिए हैं। साथ ही यह लिखा गया है कि शैक्षणिक व्यवस्था के नाम पर या अन्य प्रकार से महिला शिक्षकों को अध्यापन कार्य के लिए बाहरी शालाओं में नहीं भेजा जा सकता। यह कार्य पुरुष शिक्षक से संपन्न कराया जा सकता है। बगैर नियम व बगैर राज्य सरकार के जिलास्तर पर भी आदेश जारी नहीं किया जाना चाहिए। पुरुष शिक्षक की अपेक्षा महिला शिक्षक की प्रकृति अलग होती है, इसलिए किसी भी परिस्थिति में महिला शिक्षकों को शाला में शाम 4:30 बजे के बाद नहीं रोका जाए। अज्ञात व्यक्ति द्वारा यह पत्र सभी कलेक्टरों, सभी जिला पंचायत सीईओ और सभी जिला शिक्षा अधिकारी के नाम से लिखा गया था। जबकि यह फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल किया गया था।

लोक शिक्षण संचनालय भोपाल के नाम से भेजा गया या पत्र 7 नवम्बर को भोपाल न्यू मार्केट, टीटी नगर जीपीओ से स्‍पीड पोस्‍ट द्वारा हरदा भेजा गया था। जबकि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को 13 नवंबर को यह पत्र मिलने के बाद सत्यापन के लिए भोपाल लोक शिक्षण कार्यालय भेजा गया और वहां से 14 नवम्बर को इस तरह के कोई भी आदेश पत्र जारी नहीं होने की बात कही गई।

पत्नी का अटैचमेंट दूसरी स्कूल करने से नाराज था आरोपी

एमए तक शिक्षित आरोपी रामदेव सैनी ग्राम सोंताडा में एक इंस्टिट्यूट संचालन करने के साथ आरएमपी डिग्री धारी डॉक्टर भी है। मामले के जांच अधिकारी एसआई उम्मेदसिंह राजपूत ने बताया कि आरोपी की पत्नी रीना सैनी टिमरनी के प्राइमरी स्कूल में पदस्थ थी। 4 महीने पहले डीपीसी ने रीना सैनी का अटैचमेंट ग्राम सोंताडा के स्कूल में कर दिया। आरोपी रामदेव सैनी के अनुसार यह अन्याय पूर्ण करवाई थी। उसने निवेदन किया लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। महिला शिक्षक का इस तरह शहर से ग्रामीण क्षेत्र में अटैचमेंट करना महिलाओं को प्रताड़ित करने जाता है क्योंकि उनके विकल्प के रूप में पुरुष शिक्षक भी उपलब्ध थे।

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